मदरलैंड संवाददाता,
सीवान ।श्रम कानून स्थगन के विरोध में भाकपा माले की इकाई इनौस के देशव्यापी विरोध दिवस के आह्वान पर रविवार को दरौली के डुमरहर में इनौस के कार्यकर्ताओं ने विरोध दिवस मनाया। इनौस के जिला कमेटी सदस्य जगजीतन शर्मा ने कहा कि मोदी सरकार के आपराधिक अनदेखी के कारण करोड़ों मजदूर भारी मुसीबत का सामना कर रहे हैं। कई राज्यों में मजदूर बंधक बनाए जाने जैसी स्थिति महसूस कर रहे हैं। लाखों मजदूर पैदल अपने-अपने घरों के लिए जाने को मजबूर हैं। इधर सरकारें लॉकडाउन की आड़ में श्रम कानूनों के बदलाव में लगी है। उन्होंने कहा की उत्तरप्रदेश की योगी सरकार ने तो श्रम कानूनों को ही तीन साल के लिए निरस्त कर दिया है। मजदूरों के लिए चारो तरफ भयावह स्थिति नजर आ रही है। सरकार का श्रम कानून स्थगन पूंजीपतियों द्वारा मजदूरों को गुलाम बनाने का लाइसेंस हैं। अभी कोरोना काल में योगी सरकार ने मजदूरों के तमाम शहादत व संघर्षो के बाद जो कुछ कानून उनके हित में बने थे। उन्हें फासीवाद निजाम यह कहते हुए स्थगित कर रही हैं कि श्रम कानून स्थगित से उद्योगपतियों को कारखाने व उद्योग चालाने में मदद मिलेगी। मजदूरों कर्मचारियों की शोषण के लिए उद्योगपतियों को बढ़ावा देते हुए श्रम कानून को खत्म करते हुए मजदूरों को उद्योगपतियों का गुलाम बनाने का लाइसेंस दे रही है। कार्यकर्ताओं ने सरकार से मांग किया की स्थगित श्रम कानून को तत्काल वापस करें। कोरोना वरियर्स ठेका व संविदा पर कार्यरत बिजली, सफाई, मेडिकल, आशा व जो काम कर रहे है उन्हें सरकार पीपीई किट दे। साथ हीं स्थाई करे। सभी मजदूरों व बेरोजगार हुए नौजवानों के एकाउंट में 10000 रुपया मुआवजा राशि ट्रांसफर करने की मांग किया।