भारत में पहले लॉकडाउन फिर अनलॉक पर सवाल उठाती रहीं कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और राहुल गांधी को कठघरे में खड़ा करते हुए भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने सीधे तौर पर देशहित के लिए उनकी सोच पर सवाल खड़ा किया। वही, नड्डा ने आरोप लगाया कि संकट के समय में भी राजनीति की सोनिया गांधी की यही सोच कारगिल के वक्त भी दिखी थी और कोरोना के काल में दिख रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तो सभी को साथ लेकर चलते रहे हैं, लॉकडाउन में भी पांच बार मुख्यमंत्रियों से चर्चा की। देश को बड़ी आपदा से बचाने का काम किया, लेकिन कांग्रेस राजनीति कर रही है।

आपकी जानकारी के लिए बता दे कि मंगलवार को नड्डा डिजिटल रैली के जरिए केरल से जनसंवाद कर रहे थे। उससे कुछ ही देर पहले सोनिया ने पेट्रोल की कीमतों को लेकर प्रधानमंत्री को पत्र लिखा था और देश की जनता के साथ अन्याय का आरोप लगाया था। नड्डा ने कहा कि सोनिया गांधी को शायद इसका भी अहसास नहीं है कि कांग्रेस शासित महाराष्ट्र, पंजाब, राजस्थान, पुडुचेरी में कोरोना काल में पेट्रोल की कीमत बढ़ाई गई। नड्डा ने तंज किया कि अगर कांग्रेस के नेता ही सोनिया गांधी को नहीं सुनते हैं तो क्या किया जाए।

अपने बयान में आगे नड्डा ने कहा कि भाजपा लंबे समय तक विपक्ष में रही, लेकिन देशहित के मामले में हर वक्त तत्कालीन सरकार के साथ खड़ी रही। 1962, 1965, 1972 के युद्ध में भाजपा एकजुट होकर सरकार के साथ थी। लेकिन कारगिल के वक्त जब तत्कालीन प्रधानमंत्री ने सर्वदलीय बैठक बुलाई थी तो कांग्रेस उसमें शामिल नहीं हुई थी। साथ ही, अब जबकि पूरा देश एकजुट होकर कोरोना के खिलाफ जंग लड़ रहा है तब भी सवाल खड़े किए जा रहे है इसे नजरअंदाज करते हुए लॉकडाउन की शुरूआत कांग्रेस शासित राज्यों ने की थी। संवाद के बाद केंद्र फैसले ले रहा था। लॉकडाउन हटाया गया तो उस पर भी रोजाना नए ग्राफ के जरिए सवाल खड़ा किया जाता है। यह कांग्रेस की नीति रही है। जब कभी भी संकट होता है तो कांग्रेस राजनीतिक लाभ उठाने की कोशिश करती है।

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