रुड़की! 2022 में विधानसभा पहुंचने को लेकर शहर में लगातार दावेदारों की संख्या बढ रही है! कांग्रेस,भाजपा से टिकट की दावेदारों के साथ ही कईं नेता सियासी रण में निर्दलीय के तौर पर भी विरोधियों से दो-दो हाथ को लेकर अपने लिए सियासी जमीन तैयार करने में लग गए हैं! यही नहीं इसे लेकर कईं नेताओं ने बाकायदा शहर की सियासी पिच पर फिल्ड़िंग भी सजानी शुरू कर दी है! भाजपा नेता संजय अरोड़ा से जुड़े कुछ लोगो की माने तो 2022 को लेकर संजय अरोड़ा ने अपना चुनावी अभियान शुरू कर दिया है! सियासी माहौल को अपने पक्ष में करने के लिए बाकायदा उन्होंने शहर की सियासी पिच पर फिल्ड़िंग भी सजानी शुरू कर दी है! वार्ड और बूथवार टीम खड़ी करने के साथ ही संजय अरोड़ा का प्रयास सामाजिक स्तर पर भी राजनीतिक ताना-बाना बुनने का बना हैं! इसे लेकर उनकी लगातार सामाजिक, धार्मिक कार्यक्रमों में भी भागदौड़ बनी है! शहर में कोरोना महामारी के बीच उनके द्वारा शहरवासियों के लिए वार्ड स्तर पर लगवाए गए वैक्सीनेशन कैम्पो से भी आम जन में उनके प्रति एक अच्छा संदेश भी गया है! बतौर संजय अरोड़ा 2022 को लेकर उनकी तैयारियां जारी हैं, लेकिन टिकट को लेकर भाजपा से ही उनकी दावेदारी बनी है! पार्टी टिकट देती है तो ही वह 2022 के सियासी रण में कूदेंगे! वह भाजपा के समर्पित सिपाही है! चुनाव को लेकर पार्टी का जो भी फैसला होगा वह उन्हें स्वीकार होगा! वार्डों और बूथ स्तर पर टीम खड़ी करने के सवाल पर संजय अरोड़ा कहते हैं कि विधानसभा चुनाव सिर पर है! हर नेता का प्रयास अपनी राजनीतिक जमीन मजबूत करने का रहता है, ताकि पार्टी टिकट दे तो सियासी रण में किसी भी तरह से कमजोरी न रहे, सियासी लिहाज से वह भी यही कर रहे है! उधर संजय अरोड़ा के चुनावी अभियान से शहर का सियासी पारा भी चढ़ गया है! चुनावी माहौल के बीच अब आम आदमी की भी इसमें दिलचस्पी बढ़ गई है! शहर के प्रमुख चौराहों, दुकानों पर चाय की चुस्कियों के साथ लोग चुनावी चर्चाओं में बने है! रुड़की सीट पर भाजपा, कांग्रेस किसे अपना चेहरा बनाएगी, कौन निर्दलीय के तौर पर सियासी रण में उतरेगा और कौन जनता के मुद्दों को लेकर सियासी पिच पर खड़ा होगा, इसे लेकर भी फिलहाल आम आदमी में बेचैनी का माहौल बना है! नेताओं के काम पर भी फिलहाल जनता जनार्दन की नजरें बनी है! बहरहाल 2022 के सियासी रण में कौन किस दल का चेहरा होगा, कौन सियासी रण में योद्धा रहेगा, इसे लेकर फिलहाल कुछ भी कह पाना फिलहाल जल्दबाजी ही होगा! हां इतना जरूर है कि चुनावी तैयारियों के बीच तेज हुई नेताओं की भागदौड़ ने शहर के सियासी माहौल को गर्मा दिया है!

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