नई दिल्ली। भारत सरकार ने ‘अंत्योदय’ के आसपास बुनियादी मूल्यों के साथ समावेशी विकास में सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास, सबका प्रयास के मूल दर्शन के साथ एक नया मानदंड स्थापित किया है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में महिलाओं का सशक्तिकरण और उद्यमिता के क्षेत्र को बढ़ावा देने पर सरकार का प्रमुख ध्यान रहा है और इस दिशा में कई परिवर्तनकारी कदम उठाए गए हैं। इनमें गरीबों को ब्याज मुक्त ऋण देने के लिए मुद्रा योजना, उज्ज्वला योजना, जिसके तहत महिलाओं को धुएं से भरे माहौल में खाना पकाने के कष्ट से मुक्ति दिलाने के लिए मुफ्त रसोई गैस कनेक्शन दिए जाते हैं, बालिकाओं को शिक्षित करने के लिए बेटी बचाओ, बेटी पढाओ योजना के साथ-साथ महिलाओं को सम्मान देने के लिए तीन तलाक उन्मूलन योजना भी शामिल है। स्टार्टअप इंडिया और इन्वेस्ट इंडिया कार्यक्रमों के माध्यम से स्टार्टअप्स और उद्यमियों को प्रोत्साहित करना सरकार के महत्वपूर्ण क्षेत्र रहे हैं। आज महिलाएं- ओलंपिक में पदक जीतने से लेकर तकनीक आधारित नए-नए समाधान प्रस्तुत करने तक, जीवन के सभी क्षेत्रों में उदाहरण पेश कर रही हैं। भारतीय सूचना प्रौद्योगिकी क्षेत्र ने भी लैंगिक समानता में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। नेसकॉम के अनुमान के अनुसार, कुल आईटी कार्यबल में 35 प्रतिशत से अधिक महिलाएं हैं। सॉफ्टवेयर उत्पादों पर राष्ट्रीय नीति 2019 के तहत, सरकार महिलाओं के नेतृत्व वाली उद्यमिता को भविष्य में अगुआई करने के रूप में बढ़ावा देने और पहचानने पर विशेष जोर दे रही है।