कोरोना वायरस के संकट के कारण घोषित पूर्ण बंद के 27 दिन बाद संसद के दोनों सदनों, लोकसभा और राज्यसभा के सचिवालय में सोमवार से सभी एहतियाती उपाय अपनाते हुये जरूरी कामकाज शुरू हो गया। लोकसभा ओर राज्यसभा सचिवालय की ओर से जारी बयान में यह जानकारी दी गयी है। इसके अनुसार लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने संसद भवन पहुंच कर लॉकडाउन के दौरान विभागीय कामकाज संबंधी सरकार के दिशानिर्देशों के पालन का जायजा लिया। बिरला ने इस महामारी के खिलाफ राष्ट्रीय अभियान को सफलता की ओर ले जाने में लगे स्वास्थ्यकर्मियों को ‘कोरोना योद्धा’ बताते हुये इनकी महत्वपूर्ण भूमिका को अनुकरणीय बताया। उन्होंने लोकसभा सचिवालय के अधिकारियों से लॉकडाउन के दौरान कामकाज संबंधी गृह मंत्रालय के दिशानिर्देशों का सख्ती से पालन सुनिश्चित करने को कहा। बिरला ने कहा कि भारत इस वायरस के प्रसार को रोकने के अपने प्रयासों में बहुत हद तक सफल रहा है। उन्होंने कहा, ‘‘लोगों के सहयोग से हम इस बीमारी को हराने में सक्षम होंगे।’’ बिरला ने कहा कि लोकसभा सचिवालय सभी सांसदों के संपर्क में है, जो अपने-अपने निर्वाचन क्षेत्रों में इस बीमारी के बारे में जागरूकता फैलाने और सामाजिक दूरी (सोशल डिस्टैन्सिंग) के मानकों का पालन सुनिश्चित कराने के लिए प्रयासरत हैं। बिरला ने स्वास्थ्यकर्मी, सफाई कर्मचारी और सुरक्षाकर्मियों को इस अभियान के कोरोना योद्धा बताते हुये देशवासियों से इनके प्रति सम्मान का भाव रखने का आह्वान किया।

बयान के अनुसार संसद भवन परिसर में लॉकडाउन संबंधी दिशानिर्देशों का पालन सुनिश्चित किया जा रहा है। संक्रमण को रोकने के सभी उपायों का पालन करते हुये लोकसभा और राज्यसभा सचिवालय के अधिकारियों और कर्मचारियों ने जरूरी और सीमित कामकाज शुरू कर दिया। इससे पहले राज्यसभा सचिवालय ने भी सभी एहतियाती उपाय अपनाते हुये सोमवार से कामकाज शुरू होने की जानकारी देते हुये बताया कि सचिवालय में सिर्फ आवश्यक कार्यों के निष्पादन की ही अनुमति दी गयी है। उल्लेखनीय है कि लॉकडाउन लागू होने के साथ ही 25 मार्च से राज्यसभा सचिवालय को बंद कर दिया गया था। लॉकडाउन के दौरान 20 अप्रैल से बंदी के नियमों में आंशिक ढील दिये जाने के बाद दोनों सदनों के सचिवालय में काम शुरू करने का फैसला किया गया। सूत्रों के अनुसार राज्यसभा के सभापति एम वेंकैया नायडू ने इस दौरान सिर्फ ऐसे महत्वपूर्ण काम करने की अनुमति दी है जिनके निष्पादन को लंबित नहीं रखा जा सकता हो। नायडू ने ट्वीट कर कहा, ‘‘25 मार्च से लागू पूर्ण बंद के 27 दिन बाद आज राज्यसभा सचिवालय ने अपना कार्य पुनः प्रारंभ किया।’’ उन्होंने कहा, ‘‘मैंने अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि बंद के दिशानिर्देशों का अक्षरशः पालन करते हुए, सिर्फ ऐसे महत्वपूर्ण कामकाज ही निष्पादित किए जाएं जिन्हें लंबित नहीं रखा जा सकता।’’

उपराष्ट्रपति ने एक अन्य ट्वीट में कहा, ‘‘निर्देश दे दिए गए हैं कि संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए सभी आवश्यक सावधानियां बरती जाएं और उनके प्रबंध किए जाएं। इसके लिए संसद भवन के प्रवेश द्वार पर ही सभी वाहनों को संक्रमणमुक्त किया जाता है तथा अधिकारियों, कर्मचारियों के तापमान की जांच की जाती है।’’ नायडू ने राज्यसभा सचिवालय के कर्मचारियों और जनसामान्य से अपील करते हुये कहा, ‘‘मैं सभी संबद्ध लोगों से आग्रह करता हूं कि आज से प्रारंभ हो रही आंशिक ढील के दौरान भी कार्यस्थल तथा वाणिज्यिक या व्यावसायिक स्थानों पर संक्रमण के विरुद्ध सुरक्षा और सावधानी के सभी प्रावधान किए जायें।’

 

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