मदरलैंड संवाददाता, आशीष कुमार, पटना

आज 7 मई को एडवा, ऐपवा, बिहार महिला समाज और अन्य महिला संगठनों द्वारा सफूरा जरग़र के संघर्ष के साथ  एकजुटता  दिखाया गया।
कार्यक्रम के माध्यम से एडवा राष्ट्रीय उपाध्यक्ष रामपरी ने कहा सफुरा जरग़र नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ चल रहे आंदोलन में सक्रिय भूमिका निभा रही थी। लॉकडाउन के दौर में सफूरा को दिल्ली में दंगा भड़काने का झूठा आरोप लगाकर गिरफ्तार कर लिया गया है। गिरफ्तारी के समय सफूरा 3 महीने की गर्भवती थी। इसी आधार पर लोगों ने जब सफूरा को रिहा करने की मांग उठाई तो भाजपा नेता कपिल मिश्रा और भाजपा आईटी सेल ने सोशल मीडिया पर सफूरा का चरित्र हनन शुरू कर दिया है। देश के प्रधानमंत्री और महिला आयोग इस पूरे मामले में चुप्पी साधे हुए हैं। इसलिए एडवा ने प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रीय महिला आयोग की अध्यक्ष से सवाल करते हुए कहा है कि-
– भाजपा नेता कपिल मिश्रा द्वारा सफूरा के गर्भावस्था पर भद्दे ट्वीट पर आप चुप क्यों? उनपर कार्यवाही क्यों नहीं?
–  गर्भवती सफूरा को कोरोना के खतरे के समय तिहाड़ जेल में क्यों रखा गया?
– दिल्ली दंगों को भड़काने वाले कपिल मिश्रा गिरफ्तार क्यों नहीं? CAA विरोधी महिला आंदोलन में सक्रिय सफूरा, इशरत, गुलफिशा जेल में क्यों?
आज एडवा, अन्य महिला संगठनों के  नेता कार्यकर्ता  अपने अपने घरों में बैठकर, तख्तियों, नारों,  वीडियो के जरिए धरना दी। महिला नेत्रियों ने  कहा  कि सफूरा के खिलाफ अभद्र महिला विरोधी दुष्प्रचार, हम सब महिलाओं पर हमला है.  हम मांग करते हैं की  CAA विरोधी कार्यकर्ताओं को अविलंब रिहा किया जाय, कपिल मिश्रा पर तुरंत कार्यवाही की जाय।
और प्रदेश में बढ़ते महिला हिंसा के खिलाफ सरकार घरेलू हिंसा हेल्पलाइन नंबर जारी करे।

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