काफी समय पहले से सुप्रीम कोर्ट ने केरल सरकार को ऐतिहासिक सबरीमाला मंदिर के प्रबंधन और रखरखाव के लिए एक विशेष कानून बनाने का ऐलान किया है। वही जस्टिस एनवी रमना की अध्यक्षता वाली पीठ ने राज्य सरकार को जनवरी के तीसरे सप्ताह में विधेयक पेश करने का निर्देश दिया, जिसमें वहां आने वाले श्रद्धालुओं के कल्याण के सभी पहलुओं को शामिल किया जा रहा है। जहां सुप्रीम कोर्ट ने मंदिर प्रबंधन से जुड़ी याचिका पर सुनवाई करते हुए यह निर्देश जारी किया है।

कानून में संशोधन
जानकारी के अनुसार राज्य सरकार के वकील ने पीठ को बताया कि सरकार ने मंदिर का प्रबंधन और रखरखाव करने वाले कानून में संशोधन किया है। संशोधित विधेयक में मंदिर सलाहकार समिति में महिलाओं के लिए एक तिहाई प्रतिनिधत्व देता है। इस पर पीठ ने पूछा कि समिति में महिलाएं कैसे हो सकती हैं, वही जबकि सात सदस्यीय पीठ को आवश्यक धार्मिक प्रथाओं के सवाल की जांच करना बाकी है। इसपर केरल सरकार ने कहा कि अगर मंदिर में महिलाओं के प्रवेश पर प्रतिबंध वापस आ सकता है तो केवल 50 साल से अधिक उम्र की महिलाओं को समिति में शामिल किया जा रहा है। वही इस पर पीठ में शामिल जस्टिस बीआर गवई ने टिप्पणी की कि 10 से 50 वर्ष की महिलाओं के प्रवेश पर प्रतिबंध को रद्द करने का सितंबर 2018 का फैसला बरकरार है। हालांकि नया कानून बनाने के आदेश का मंदिर में महिलाओं को प्रवेश को लेकर दिए गए फैसले से संबंध नहीं है, क्योंकि यह मामला मंदिर के प्रशासन और प्रबंधन जोड़ा गया है।

दर्शन के बाद श्रद्धालु की मौत
सूत्रों से मिली जानकारी के बाद हम बता दें कि केरल के सबरीमाला मंदिर में भगवान अयप्पा के दर्शन करने के बाद मुंबई से आए 76 वर्षीय श्रद्धालु की दिल का दौरा पड़ने से मौत हो गई है। पुलिस ने बुधवार को बताया कि चेंबूर के रहने वाले एमवी बालन ने मंदिर से लौटते वक्त सीने में दर्द की शिकायत की है। वही इसके बाद उन्हें तुरंत अस्पताल ले जाया गया, लेकिन उन्हें बचाया नहीं गया है।

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