केरल के सबरीमाला मंदिर में सभी आयु की महिलाओं को प्रवेश की अनुमति देने के मुद्दे पर याचिकाओं के एक समूह पर सुप्रीम कोर्ट के नौ न्यायाधीशों की एक संविधान पीठ द्वारा सोमवार (13 जनवरी) को सुनवाई आरंभ करेगी। साथ ही, मुस्लिम और पारसी महिलाओं के खिलाफ कथित पक्षपात के अन्य विवादास्पद मुद्दों पर भी सुनवाई की जाएगी।
मुख्य न्यायाधीश एस ए बोबडे की अध्यक्षता वाली नौ सदस्यीय बेंच 60 याचिकाओं पर सुनवाई करेगी। बेंच में शामिल अन्य न्यायाधीशों में जस्टिस आर भानुमति, जस्टिस अशोक भूषण, जस्टिस एल नागेश्वर राव, जस्टिस एम एम शांतनगौडर, जस्टिस एस ए नजीर, जस्टिस आर सुभाष रेड्डी, जस्टिस बी आर गवई और जस्टिस सूर्यकांत शामिल हैं।
तत्कालीन CJI रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पांच न्यायाधीशों की एक बेंच द्वारा इस विषय में 3:2 से बहुमत का फैसला सुनाए जाने के बाद नौ सदस्यीय बेंच का गठन किया गया था। दरअसल, 28 सितंबर 2018 के ऐतिहासिक फैसले के खिलाफ दाखिल की गई पुनर्विचार याचिका पर विचार करते हुए इस विषय को एक वृहद पीठ को फैसले के लिए सौंपा गया था। उस ऐतिहासिक फैसले में सभी आयु वर्ग की महिलाओं को सबरीमला मंदिर में प्रवेश की अनुमति दी गई थी।