शिमला। नियंत्रक और महालेखा परीक्षक (कैग) की रिपोर्ट में राज्य सरकार द्वारा विभिन्न विभागों में 203 करोड़ रुपए के गबन का खुलासा किया गया है। कांग्रेस ने सवाल किया है कि प्रदेश सरकार को बताना चाहिए कि कैग की इस रिपोर्ट पर वह चुप क्यों है। प्रदेश की जनता इन धांधलियों बारे जानना चाहती है। प्रदेश भाजपा सरकार से यह सवाल हिमाचल प्रदेश कांग्रेस कमेटी के वरिष्ठ प्रवक्ता दीपक शर्मा ने किया। उन्होंने कहा ऊर्जा विभाग में 256 करोड़ बिजली उत्पादन पर खर्च किया है, जबकि इसमें घाटा 393 करोड़ हुआ। यह बिजली बोर्ड की अकुशल कार्यप्रणाली को दर्शाता है। उपभोक्ताओं एवम लाभार्थियों को गुणवत्ता एवम बाधा रहित विद्युत प्रदान करने से बंचित रखा गया।
कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा कि उद्यान विभाग ने बागवानों के साथ धोखा किया। आपदा निधि को कीटनाशकों की सब्सीडी के रूप में बांट कर करोड़ों का गोलमाल किया गया। उन्नत किस्म के पौधों की खरीद में घोटाला किया गया। यह भाजपा सरकार के बागवानों के प्रति दृष्टिकोण को दर्शाता है। दीपक शर्मा ने कहा कि शहरी निकाय विभाग ने ठोस कचरे के निपटारे को सही तरीके से न करके न केवल पर्यावरण को नुकसान पहुंचाया गया बल्कि इसके टेंडरों में भी गोलमाल हो रहा है।
कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा कि इसी तरह परिवहन विभाग द्वारा फास्टैग न लगाने से 60.51लाख का चूना लगाया गया। पॉलिटेक्निक कॉलेज निर्माण में देरी करके 99.91 लाख का नुकसान प्रदेश को हुआ। यही नहीं, पशुपालन विभाग द्वारा पॉल्ट्री फार्म नाहन में चूजों की बिक्री से 10.61लाख की राशि का गबन किया गया।
जलशक्ति एवम लोकनिर्माण विभागों में जिस तरह की लूट चल रही है, उसको पूरा देश देख रहा है। पेयजल पाइपों की खरीद के बारे में करोड़ों के गोलमाल की चर्चा आम हो चुकी है। स्वास्थ्य विभाग में हुए घोटालों ने पूरे देश में करोना संकटकाल के समय हिमाचल को शर्मसार किया है। आज भी घोटाले जारी हैं।
दीपक शर्मा ने कहा कैग की रिपोर्ट में इसी तरह सरकार के विभिन्न विभागों में 203 करोड़ रुपए के गबन का खुलासा दर्शाता है कि सरकार भ्र्ष्टाचार में डूबी है। कांग्रेस नेता ने कहा कि जनता महंगाई और बेरोज़गारी से त्रस्त है और सरकार भ्रष्टाचार में मग्न है। उन्होंने कहा कि सरकार कैग के इस खुलासे बारे विभाग बार अपनी स्थित स्पष्ट करे और बताए कि भ्रष्टाचारियों के विरुद्ध सरकार ने क्या कदम उठाए।