नई दिल्ली। विद्युत मंत्रालय ने नई दिल्ली में कल “आजादी का अमृत महोत्सव” के हिस्से के रूप में, सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाली औद्योगिक इकाइयों को ऊर्जा बचत प्रमाण पत्र जारी करने के लिए एक कार्यक्रम आयोजित किया। विद्युत मंत्रालय के सचिव, आलोक कुमार ने 349 औद्योगिक इकाइयों को 57 लाख से अधिक ऊर्जा बचत प्रमाण पत्र जारी किए। इन उद्योगों ने लक्ष्य से अधिक ऊर्जा की बचत की है। ये इकाइयां एक महीने के बाद पावर एक्सचेंज पोर्टल के माध्यम से उन इकाइयों को प्रमाण पत्रों की बिक्री करने में सक्षम होंगी जो अपने लक्ष्यों को प्राप्त नहीं कर सके। सभा को संबोधित करते हुए आलोक कुमार ने जोर देकर कहा कि ये सभी पहल भारत को अधिक ऊर्जा कुशल बनाने के लिए एक लंबा सफर तय करेंगी, और यह दुनिया भर में एक अनुकरणीय मॉडल का निर्माण करेंगी। श्री कुमार ने बड़े उद्योगों को उनकी प्रौद्योगिकियों का उन्नयन करके ऊर्जा दक्षता उपाय करने के लिए प्रशंसा की। उन्होंने ऊर्जा परिवर्तन के प्रयासों में नेतृत्व की भूमिका पर प्रकाश डाला और कहा कि भारत एकमात्र जी -20 देश है जो पेरिस समझौते के अनुसार 2 डिग्री से कम तापमान में वृद्धि की राह पर है। कुमार ने इस्पात, सीमेंट, रिफाइनरी, उर्वरक और अन्य क्षेत्रों के बड़े उद्योगों के मुख्य कार्यकारी अधिकारियों के साथ बातचीत की। उद्योग जगत के नेताओं ने विद्युत मंत्रालय के प्रयासों की सराहना की और आने वाले वर्षों में औद्योगिक क्षेत्र को स्वच्छ और कुशल बनाने के लिए हरसंभव योगदान का आश्वासन दिया। विद्युत मंत्रालय ने प्रमुख औद्योगिक क्षेत्रों की ऊर्जा दक्षता बढ़ाने के लिए कई पहल की हैं। इसका उद्देश्य जीवाश्म ईंधन, कोयला, तेल और गैस की खपत को कम करना है जिससे कार्बन अर्थव्यवस्था कम हो सके। यह न केवल भारत के लिए ऊर्जा सुरक्षा को बढ़ाएगा बल्कि पेरिस समझौते के अनुसार जलवायु लक्ष्यों की दिशा में भी योगदान देगा।