अविनाश भगत: पाकिस्तान की ओर से सरहद पर लगातार की जा रही गोलाबारी पर भारतीय सेना की जवाबी कार्रवाई से पाकिस्तानी सेना व रेंजर्स में बौखलाहट बढ़ गई है। जिसके कारण सरहद से सटे गांवों में पाकिस्तानी की किसी भी संभावित साजिश को लेकर लोगों में चिंता व खौफ दिखाई दे रहा है। ऐसे में जबकि त्यौहारों का मौसम है सरहदी गावों के लोग कईं तरह की आशंकाओं में घिरे हुए है।
भारत-पाक सीमा के सीमांत इलाकों में खौफ का माहौल
मालूम हो कि दो दिन पूर्व पाकिस्तानी सेना ने टंगघार सेक्टर में बिना उकसावे के भारी गोलाबारी की जिसमें दो जवान शहीद हो गये उसके अलावा एक नागरिक की भी मौत हुई है। जिस पर भारतीय सेना ने अपनी मंुहतोड़ जवाबी कार्रवाई में पाकिस्तानी सेना , आतंकी ठिकानों तथा पाकिस्तानी बंकरों को भारी नुकसान पहंुचाया लेकिन पाकिस्तान अपनी नापाक हरकतों से फिर भी बाज नहीं आ रहा है। उसकी ओर से पंुछ की नियंत्रण रेखा से सटी आवासीय बस्तियों के साथ साथ भारत-पाक सीमा के हीरानगर सैक्टर में भारी गोलाबारी की। जिसके कारण नियंत्रण रेखा से सटी आवासीय बस्तियों से लेकर भारत-पाक सीमा के सीमांत इलाकों में चिंता व खौफ पसरा हुआ है।
सीमांत इलाकों में निर्माण कार्य रूका
गत 24 घंटे में पंुछ के अलावा भारत -पाक सीमा के हीरानगर सैक्टर के कई इलाकों को गोलाबारी कर निशाना बनाया है। जिसके कारण यहां सीमा से सटे खेतों में काम करने वाले प्रवासी मजदूर काम करने को तैयार नहीं हैं। हीरानगर सैक्टर के जो गांव लगातार पाकिस्तानी गोलाबारी के निशाने पर हैं। वह पंनसर, मनयारी, पडयाला, रसुआ प्रमुख हैं। यहां के लोग कई बार रात जागकर बिताते हैं। यहां की बार्डर वेलफेयर कमेटी का कहना है कि पाकिस्तान की गोलाबारी के कारण सीमांत इलाकों में कई निर्माण कार्य भी रूक गए हैं। बल्कि सुरक्षाबलों द्वारा भी जो सरहद पर छोटे-मोटे काम करवाए जाते हैं। उसमें भी गोलाबारी के कारण अड़चने बनी हुईं हैं।
डीसी ओ.पी भगत के मुताबिक
इस मामले में कठुआ के डीसी ओ.पी भगत का कहना है कि सरहद पर पाकिस्तान की दिशा से होने वाली गोलीबारी से बचाव के लिए करीब 21 सौ बंकरों के निर्माण की मंजूरी मिली हुई है। जिसमें से 1465 के लिए जगह की शिनाख्त की जा चुकी है और 1149 पर निर्माण कार्य तेजी से जारी है। जोकि अगामी दिंसबर में पूरा कर लिया जाऐगा। परंतु जिस प्रकार एक अरसे से पाकिस्तान में जम्मू-कश्मीर को लेकर जबरदस्त बौखलाहट बनी हुई है तथा त्यौहरों का मौसम है उससे सरहदी इलाकों में कई प्रकार की आशंकाओं के कारण यहां के लोगों पर चिंता व तनाव साफ दिखाई देता है।