अयोध्या में राम मंदिर मामले को लेकर 17 अक्टूबर को सुनवाई पूरी हुई थी। 6 अगस्त से 40 दिनों तक रोजाना इस मामले पर सुनवाई हुई। सर्वोच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई 17 नवंबर को सेवानिवृत्त होंगे। ऐसे में उनकी सेवानिवृत्ति से ठीक पहले ही आज 9 नवंबर को अयोध्या में राम मंदिर मामले पर बड़ा फैसला सुनाया गया। सर्वोच्च न्यायालय की पांच जजों की संविधान पीठ ने राम मंदिर मामले पर बड़ा फैसला सुनाया है।

राम मंदिर मामले पर पूरे देश की निगाहें टिकी हुई हैं। ऐसे में सर्वोच्च न्यायालय में मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पांच जजों की संविधान पीठ ने अयोध्या मामले पर ऐतिहासिक फैसला सुनाते हुए राम मंदिर निर्माण का रास्ता साफ कर दिया है। सर्वोच्च न्यायालय ने बड़ा फैसला लेते हुए ऐलान किया है कि विवादित जमीन पर ही राम मंदिर बनाया जाएगा। गूगल

सर्वोच्च न्यायालय ने यह भी कहा है कि मुस्लिम पक्ष अपना मालिकाना हक साबित नहीं कर पाया है। हिंदुओं का बाहरी चबूतरे पर अधिकार था। सर्वोच्च न्यायालय ने कहा कि राम चबूतरे पर 1855 से पहले हिंदुओं का अधिकार था। सर्वोच्च न्यायालय का यह भी कहना है कि बाबरी मस्जिद खाली जमीन पर नहीं बनी। आपको बता दें कि सर्वोच्च न्यायालय के फैसले को मद्देनजर रखते हुए उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में भारतीय जनता पार्टी सरकार ने सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए हैं।

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