देश के मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई ने अयोध्या में विवादित स्थल के मालिकाना हक के मामले को जिस प्रकार से संभाला और फैसला दिया, उसके लिए सर्वोच्च न्यायालय के वरिष्ठ जजों ने उनकी जमकर तारीफ की है। एक पुस्तक विमोचन के अवसर पर यहां जज एसए बोबडे ने कहा कि न्यायाधीश गोगोई का धैर्य, क्षमता और चरित्र इतना मजबूत है कि उनके हाथ से कोई गलत निर्णय हो ही नहीं सकता है।

जस्टिस गोगोई ने अपने फैसले पर किसी भी प्रकार की टिप्पणी करने से किया इंकार
इस मौके पर उपस्थित जस्टिस गोगोई ने अपने फैसले पर कोई टिप्पणी करने से साफ़ मना कर दिया है। उन्होंने कहा कि मैं किसी विवादास्पद मसले में उलझना नहीं चाहता। यह सही मौका नहीं है। गौरतलब है कि शीर्ष अदालत ने शनिवार को राम मंदिर के निर्माण के पक्ष में सर्वसम्मत फैसला दिया था और केंद्र सरकार को सुन्नी वक्फ बोर्ड को मस्जिद बनाने के लिए 5 एकड़ जमीन देने का फैसला सुनाया था। शीर्ष अदालत के अगले मनोनीत मुख्य न्यायाधीश बोबड़े ने कहा है कि यह मेरे लिए गौरव की बात है कि मुझे न्यायाधीश गोगोई के साथ काम करने का अवसर मिला है।

रंजन गोगोई का इतिहास में नाम दर्ज
एक अन्य वरिष्ठ जस्टिस अरुण मिश्रा ने कहा है कि, न्यायाधीश गोगोई ने सबसे महत्वपूर्ण आदेश पारित किया, जिसका पूरे देश को अर्से से प्रतीक्षा थी। केवल दो-तीन हफ्तों में 1000 पन्नों के फैसले में उन्होंने असंभव को प्राप्त किया है। उन्होंने केवल मामले को सुलझाने का संकल्प नहीं दिखाया, बल्कि यह भी दर्शाया कि सुप्रीम कोर्ट की क्या क्षमता है और वह कैसी उपलब्धि हासिल कर सकता है। आपने इतिहास में अपना नाम दर्ज करा लिया। बता दें जस्टिस गोगोई 17 नवंबर को रिटायर हो रहे हैं।

Previous articleएनसीआर में प्रदूषण के कारण सांस लेना हुआ दूभर, अब शहर में दौड़ेंगी ई-ऑटो
Next articleजम्मू कश्मीर : किश्तवाड़ में दर्दनाक सड़क हादसा, 12 लोगों की मौके पर मौत

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here