लखनऊ। एलडीए के करीब सात हजार आंटियों के मकान का सपना टूट गया है। इन्हें निर्धारित समय पर मकान देने में एलडीए कामयाब नहीं हुआ है। इनमें सबसे ज्यादा मकान देवपुर पारा योजना के हैं। समय पर मकान का निर्माण पूरा न होने पर यूपी रेरा ने एलडीए की 25 योजनाओं को कालातीत घोषित कर दिया है। इनका पंजीकरण लैब्स हो गया है। लखनऊ विकास प्राधिकरण ने यूपी रेरा में अपनी 35 परियोजनाओं का यूपी रेरा में पंजीकरण कराया था। जिसमें से 10 परियोजनाओं का पूर्व में काम खत्म हो गया था। जिसे आवंटियों को हैंड ओवर कर दिया गया था। 25 योजनाओं का काम चल रहा था। ऐसे में इनका रेरा में पंजीकरण जारी था। काम पूरा होने या न होने, दोनों की दशा में एलडीए को रेरा को इसकी जानकारी देनी थी। काम पूरा होने पर रेरा में कंप्लीशन सर्टिफिकेट जमा करना था। काम पूरा न होने पर दंड सहित इसका नवीनीकरण कराना था। लेकिन एलडीए ने इन परियोजनाओं का पंजीकरण आगे बढ़ाने के लिए रेरा में कोई आवेदन ही नहीं किया। जिसकी वजह से 25 परियोजनाओं का पंजीकरण ही लैप्स हो गया। यूपी रेरा ने इन्हें कालातीत घोषित किया है। इन परियोजनाओं में करीब 7000 लोगों के मकान फंसे हुए हैं। यूपी रेरा ने एलडीए की देवपुर पारा स्थित समाजवादी लोहिया एनक्लेव परियोजना को भी कालातीत (ब्लैक लिस्टेड) घोषित कर दिया है। अकेले इसी योजना में लगभग 5000 मकान बनाए जा रहे हैं। जो अभी तक पूरे नहीं हो पाए हैं। जिसकी वजह से लोग मकान के लिए भटक रहे हैं। इसके अलावा बसंत कुंज योजना में एलडीए ने प्लॉट की दो योजनाओं का भी यूपी रेरा में पंजीकरण कराया था। यह दोनों भी कालातीत घोषित हो गई हैं। कानपुर रोड की सात परियोजनाएं तथा जानकीपुरम विस्तार की 2 परियोजनाएं कालातीत घोषित हुई है। इन सभी में करीब 7000 लोगों के मकान फंसे हुए हैं। शारदानगर विस्तार योजना भी कालातीत घोषित हुई है।

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