नई दिल्ली। मुजफ्फरपुर आई हॉस्पिटल में ऑपरेशन में लापरवाही के कारण मरीजों की आंख की रोशनी चली जाने और जान बचाने के लिए 15 से अधिक मरीजों की आंख निकालने को लेकर सिविल सर्जन ने गुरुवार को ब्रह्मपुरा थाने में एफआईआर दर्ज कराई है। उन्होंने चिकित्सीय चूक के कारण मरीजों की आंख की रोशनी चली जाने और आंख निकाली जाने की बात कही है। इसमें अस्पताल ट्रस्ट के सचिव दिलीप जालान व प्रबंधक दीपक कुमार के अलावा ऑपरेशन करने वाले तीन डॉक्टर और 9 चक्षु सहायकों को नामजद आरोपी बनाया है। थानेदार अनिल कुमार गुप्ता ने बताया कि इसमें आईपीसी की धारा 307, 325, 326, 336, 337, 338 और 34 लगाई गई है। थानेदार खुद इसकी जांच करेंगे। सिविल सर्जन ने एफआईआर में कहा है कि 29 नवंबर को मरीज राममूर्ति सिंह, गोपी देवी रामजी राय एवं अन्य ने उनसे शिकायत की। जिसमें इन लोगों ने बताया कि अस्पताल में लापरवाही के कारण मोतियाबिंद का ऑपरेशन किया गया। अब आंख निकालने को कहा गया है। मुजफ्फरपुर आई हॉस्पिटल में ऑपरेशन में लापरवाही के कारण मरीजों की आंख की रोशनी चली जाने और जान बचाने के लिए 15 से अधिक मरीजों की आंख निकालने को लेकर सिविल सर्जन ने गुरुवार को ब्रह्मपुरा थाने में एफआईआर दर्ज कराई है। उन्होंने चिकित्सीय चूक के कारण मरीजों की आंख की रोशनी चली जाने और आंख निकाली जाने की बात कही है। इसमें अस्पताल ट्रस्ट के सचिव दिलीप जालान व प्रबंधक दीपक कुमार के अलावा ऑपरेशन करने वाले तीन डॉक्टर और 9 चक्षु सहायकों को नामजद आरोपी बनाया है। थानेदार अनिल कुमार गुप्ता ने बताया कि इसमें आईपीसी की धारा 307, 325, 326, 336, 337, 338 और 34 लगाई गई है। थानेदार खुद इसकी जांच करेंगे। सिविल सर्जन ने एफआईआर में कहा है कि 29 नवंबर को मरीज राममूर्ति सिंह, गोपी देवी रामजी राय एवं अन्य ने उनसे शिकायत की। जिसमें इन लोगों ने बताया कि अस्पताल में लापरवाही के कारण मोतियाबिंद का ऑपरेशन किया गया। अब आंख निकालने को कहा गया है।

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