सीएम उद्धव ठाकरे ने अपना पद संभालने के बाद एनसीपी सुप्रीमो शरद पवार को 51 हेक्येयर जमीन का तोहफा भेंट किया है। राज्य सरकार ने पवार की अध्यक्षता वाली संस्था को कौड़ियों के भाव जमीन आवंटित किया है। इस फैसले से महाराष्ट्र की राजनीति गरमा गई है। भाजपा ने नियमों को ताक पर रखकर भूखंड का आवंटित करने का आरोप लगाया है।
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार उद्धव सरकार ने एनसीपी चीफ की अध्यक्षता वाले वसंतदादा चीनी संस्थान को मामूली कीमत पर विशेष मामले के तहत 51.33 हेक्टेयर जमीन आवंटित की है। जिसका बाजार मूल्य करीब 10 करोड़ रुपये है। यह जमीन मराठवाड़ा के जालना जिले में है। कृषि विभाग की ओर से बीज फर्म स्थापित करने के लिए सरकार ने इस जमीन का अधिग्रहण किया था।
अपने सहयोगियों को लाभ पहुंचाने के लिए उद्धव सरकार ने राजस्व विभाग, वित्त विभाग की आपत्तियों और राज्य के महाधिवक्ता की राय को दरकिनार कर कौड़ियों के भाव जमीन आवंटित किया है। क्या है राजस्व और वित्त विभाग की आपत्तिराजस्व विभाग ने तर्क दिया था कि 1997 के सुप्रीम कोर्ट के फैसले के अनुसार रियायती आधार पर जमीन का आवंटन नहीं हो सकता है। जिस उद्देश्य के लिए जमीन अधिग्रहीत की गई है, उस भूमि का उपयोग उसी काम के लिए होना चाहिए। ऐसा नहीं होने पर जमीन मूल मालिकों को वापस कर दिया जाना चाहिए। वहीं, वित्त विभाग ने सरकारी भूमि के आवंटन के बारे में बोली लगाने की प्रक्रिया का पालन करते हुए बाजार मूल्य के हिसाब से जमीन आवंटित करने का सुझाव दिया था।