नई दिल्ली। चर्चित पुलिस आरक्षक भर्ती परीक्षा घोटाला केस में सीबीआई की अदालत ने अहम फैसला सुनाया है। इस घोटाले को व्यापम घोटाला के नाम से भी जाना जाता है। व्यापम पुलिस आरक्षक भर्ती परीक्षा घोटाला 2012 मामले में कोर्ट ने 8 आरोपियों को दोषी करार दिया है। अदालत ने इन सभी लोगों को 7-7 साल जेल की सजा सुनाई है। इसके अलावा इन सभी पर 10,000 रुपया का जुर्माना भी लगाया गया है। इसके अलावा अदालत ने इस मामले के 2 आरोपियों को बरी भी किया है। दरअसल सीबीआई कोर्ट में 3 उम्मीदवार, 3 सॉल्वर और 4 बिचौलियों को आरोपी बनाया गया था। इन्हीं 4 बिचौलियों में से 2 को अदालत ने बरी कर दिया है। सुनवाई के दौरान अदालत ने राजेश धाकड़, कवींद्र, विशाल, कमलेश, ज्योतिष, नवीन समेत 8 आरोपियों को दोषी माना और इसमें से 2 को बरी कर दिया। व्यापम व्यावसायिक परीक्षा मंडल घोटाला 2013 में तब सामने आया था जब इंदौर पुलिस ने 2001 की पीएमटी प्रवेश से जुड़े केस में 20 नकली अभ्यर्थियों को गिरफ्तार किया था। साल 2013 में डॉक्टर जगदीश सागर के पकड़े जाने के बाद इस मामले की परतें खुलती चली गई थीं। आरोप लगा था कि कई लोग असली अभ्यर्थियों की जगह पर परीक्षा देने आए थे। साल 2015 में सुप्रीम कोर्ट ने व्यापम केस की जांच सीबीआई को सौंपी थी। राष्ट्रीय एजेंसी ने इस मामले में 100 से ज्यादा केस दर्ज किये थे। घोटालेबाजों ने असली प्रतियोगियों और उनकी जगह परीक्षा में बैठने वाले लोगों की तस्वीरों को मिला कर ये तस्वीरें बनाई थीं। लिहाजा मोर्फ तस्वीरों से असली परीक्षार्थी और नकली परीक्षार्थी की पहचान करना एजेंसी के लिए काफी मुश्किलों भरा रहा। इस मामले में दर्ज सभी केसों की जांच पूरी हो चुकी है।