मदरलैंड संवाददाता उदाकिशुनगंज (मधेपुरा)

देशभर में कोरोना वायरस के मामले दिन-प्रतिदिन बढ़ते हीं जा रहें हैं। बिहार में भी कोरोना वायरस संक्रमण के मरीज बढ़ हीं रहे हैं। लगातार कोरोना संक्रमण से हुई मौत की खबर भी सामने आ रही है। सीमावर्ती इलाके में खुलेआम लोगों की आवाजाही लगातार जारी है। इससे संक्रमण का खतरा हमेशा बना रहता है। लोग बेवजह सड़क के किनारे रेंगते नजर आ रहे हैं। बताते चलें कि उदाकिशुनगंज थाना अन्तर्गत बुधामा ओपी क्षेत्र खाड़ा-बुधामा, सिनवाड़ा, सिंगारपुर खगड़िया व सहरसा जिले का सीमावर्ती इलाका है। यहां खाड़ा पंचायत का सिनवाड़ा सीधे तौर पर खगड़िया जिले के बेलदौर प्रखण्ड को एवं सुखासनी सहरसा जिले के सोनवर्षाराज प्रखण्ड क्षेत्र के काशनगर पंचायत को जोड़ती है। वहीं नयानगर पंचायत का सिंगारपुर गांव सहरसा जिले के सोनवर्षाराज प्रखण्ड क्षेत्र के महुआ उत्तरबाड़ी पंचायत को सीधे तौर पर जोड़ती है। इनके अलावा इन जिलों को जोड़ने वाली वैकल्पिक मार्ग भी हैं। इन सीमाओं को अबतक किसी प्रकार से सील नहीं की गई है। इस प्रकार सीमाक्षेत्र में लगातार व्यवसायियों व आमजनों की आवाजाही लगातार जारी है। आसपास के लोग कोरोना संक्रमण को लेकर हमेशा आशंकित रहते हैं। आशंकाओं की वजह मुख्य रूप से व्यवसायियों द्वारा लगातार सीमावर्ती इलाके से पहुंचकर ग्रामीण हाट-बाजारों में ग्रहकों के साथ सामग्रियों की खरीद-बिक्री की जा रही है। इनके अलावे ग्रामीण हाट-बाजार में मांस-मछली की दुकानें भी खुलेआम सजती है। इलाकेभर के लोगों का मानना है कि सोशल डिसटेन्सिग का अनुपालन किये बगैर ग्रामीण हाट में लाॅकडाउन का उलंघन भी किया जा रहा है। बगैर फेस मास्क, ग्लब्स के खुले हाथों से साग-सब्जी और मांस-मछली की खरीद-बिक्री भी लगातार की जा रही है।इससे कोरोना संक्रमण के आशंकाओं से कतई इन्कार नहीं किया जा सकता है। कम्युनिटी ट्रांसफर का चेन  टुटना वाकई मुश्किल साबित हो सकता है।

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