सुप्रीम l कोर्ट ने बुधवार को उस याचिका पर सुनवाई से इनकार कर दिया, जिसमें मांग की गई थी कि जब तक कोई कानून नहीं आता, तब तक प्राइवेट जासूसी के कामकाज और जूरिस्डिक्शन को रेग्युलेट करने के लिए गाइडलाइंस जारी किए जाएं। सुप्रीम कोर्ट में दाखिल याचिका में कहा गया था कि सरकार को निर्देश दिया जाना चाहिए कि गैर-कानूनी तरीके से हासिल की गई भारतीय लोगों की प्राइवेट जानकारियों को दूसरे देशों में ट्रांसफर किए जाने को रोकने के लिए मैकेनिजम डेवलप करने की जरूरत है। सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस रोहिंटन नरीमन की बेंच ने याचिकाकर्ता के वकील से कहा कि आप याचिका वापस ले लें, हम इस खारिज करने वाले है। पहले वकील ने दलील दी कि प्राइवेट कंपनियों की ओर से की जाने वाली जासूसी रेग्युलेटेड नहीं है, इसके बाद उस रेग्युलेट करने का निर्देश दिया जाना चाहिए। लेकिन कोर्ट का रुख देखकर अर्जी वापस ले ली। याचिकाकर्ता महिला ने आरोप लगाया था कि दिल्ली की एक प्राइवेट डिटेक्टिव कंपनी के डायरेक्टर ने दो प्राइवेट जासूसों से किसी अथॉरिटी से इजाजत लिए बगैर उनकी प्राइवेट जानकारी लेकर अमेरिका में किसी को भेज दिया।

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