नई दिल्ली। दिल्ली मेरठ के बीच प्रस्तावित देश की पहली रैपिड रेल का डिजाइन तैयार हो गया है। केंद्रीय आवास एवं शहरी विकास मंत्रालय के सचिव दुर्गाशंकर मिश्रा ने इसके पहले लुक का अनावरण किया। रैपिड रेल में बिजनेस कोच के साथ साथ महिलाओं के लिए भी अलग कोच होगा। ट्रेन कोच के दरवाजे स्टेशन पर जरूरत के हिसाब से खुलेंगे। इससे ऊर्जा की बचत होगी। एनसीआरटीसी ने इसकी खासियत के बारे में बताया कि यह पहली आधुनिक प्रणाली वाली ट्रेन है। स्टेनलेस स्टील से बनी एयरोडायनामिक ट्रेनें हल्के होने के साथ-साथ पूरी तरह से वातानुकूलित होंगी। प्रत्येक कोच में प्रवेश और निकास के लिए ‘प्लग-इन’ प्रकार के छह दोनों तरफ तीन-तीन स्वचालित दरवाजे होंगे। रैपिड रेल के बिजनेस क्लास कोच में ऐसे चार दरवाजे होंगे। प्रत्येक ट्रेन में एक बिजनेस कोच और एक महिला कोच रहेगा। इसमे टू बाई टू के आधार पर सीट रहेंगी। बिजनेस क्लास में रिक्लाइन सीटें होंगी। इन ट्रेनों को डिजाइन करने में राजधानी के लोटस टेंपल से प्रेरणा ली गईहै। लोटस टेंपल का डिज़ाइन प्रकाश और वायु के प्राकृतिक प्रवाह को बनाए रखता है। इसी तरह, आरआरटीएस ट्रेन में भी ऐसी प्रकाश और तापमान नियंत्रण प्रणाली होगी जो ऊर्जा के कम खपत के बावजूद यात्रियों को आरामदायक अनुभव देगी। केंद्रीय आवास एवं शहरी विकास मंत्रालय के सचिव दुर्गाशंकर मिश्रा ने कहा की इंफ्रास्ट्रक्चर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के आत्मनिर्भर भारत के पांच स्तंभों में से एक है आरआरटीएस ट्रेन पूरी तरह से भारत सरकार की मेक इन इंडिया नीति के तहत बन रही हैं। ये ट्रेनें पर्यावरण के अनुकूल और ऊर्जा कुशल होने के साथ साथ एनसीआर और आस-पास के क्षेत्रों के आर्थिक विकास में तेजी लाएंगी। इससे दुर्घटना घटेंगी और प्रदूषण भी कम होगा।