देश में कई स्थानों पर नागरिकता संशोधन अधिनियम (CAA), NRC और राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (NPR) को लेकर विरोध प्रदर्शन जारी है। सभी विपक्षी दल सरकार को इस मुद्दे पर घेरने में लगे हैं और इसके खिलाफ सड़क पर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। किन्तु इन तमाम विरोध प्रदर्शन को लेकर सरकार का रुख नर्म पड़ता नज़र नहीं आ रहा है। बिहार के डिप्टी सीएम सुशील मोदी ने NPR को लेकर बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि NPR को लेकर निर्णय ले लिया गया है और इसे लागू करने की प्रक्रिया को आरंभ की जाएगी।

सुशील मोदी ने कहा कि NPR को लेकर फैसला ले लिया गया है। इसको लेकर प्रक्रिया शुरू की जाएगी। 15 से 28 मई के बीच बिहार में NPR के लिए डाटा लेने का काम आरंभ किया जाएगा। बता दें कि NPR एक तरह से देश के नागरिकों का रजिस्टर होगा। इससे पहले वर्ष 2010 में डाटा इकठ्ठा किया गया था। ये काम उस समय हुआ जब 2011 की जनगणना के लिए आंकड़े इकठ्ठा किए गए थे। अधिकारियों का कहना है कि 2015 में घर-घर जाकर किए गए सर्वेक्षण और अपडेट के लिए डाटा डिजिटलाइजेशन का काम संपन्न हो गया है।

NPR यानी राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर को नागरिकता अधिनियम 1955 और नागरिकता (नागरिकों का रजिस्ट्रेशन और राष्ट्रीय पहचान पत्र का मसला) नियम 2003 के अंतर्गत स्थानीय स्तर पर यानी उपजिला, जिला और राज्य स्तर पर तैयार किया जाएगा। इनमें देश के प्रत्येक नागरिक के लिए नाम दर्ज कराना अनिवार्य होगा। एक प्रकार से यह देश में रह रहे नागरिकों के लिए समग्र डाटाबेस होगा। जिसे जनसांख्यिकीय और बायोमीट्रिक आधार पर तैयार किया जाएगा।

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