नई दिल्ली। कोरोना महामारी के दौरान सेंट्रल विस्टा परियोजना पर सभी निर्माण गतिविधियों को रोकने की मांग वाली याचिका को खारिज करने के दिल्ली उच्च न्यायालय के 31 मई के आदेश को उच्चतम न्यायालय में चुनौती देते हुए याचिका दाखिल की गयी है।वकील प्रदीप कुमार यादव ने दिल्ली हाई कोर्ट के फैसले को चुनौती देते हुए दावा किया कि उच्च न्यायालय का यह कहना उचित नहीं है कि याचिका दुर्भावना से प्रेरित है।
दिल्ली हाई कोर्ट ने परियोजना को रोकने की याचिका को दुर्भावना से प्रेरित बताते हुए इसे खारिज कर दिया था। अदालत ने याचिकाकर्ताओं पर एक लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया था।
सेंट्रल विस्टा परियोजना के तहत राजपथ और इंडिया गेट से राष्ट्रपति भवन तक निर्माण कार्य होने हैं। इस परियोजना में एक नये संसद भवन का निर्माण तथा एक नये आवासीय परिसर का निर्माण शामिल है। इसमें एक केंद्रीय सचिवालय भी होगा जिसमें विभिन्न मंत्रालयों के कार्यालय होंगे।

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