भारत में इस बार 6 शहरों को स्वच्छता के मामले में 5 स्टार रेटिंग दी गई है। वहीं इन 6 शहरों में मध्यप्रदेश का इंदौर शहर भी शामिल हो चुका है, वहीं इंदौर इससे पहले तीन बार स्वच्छता के मामले में प्रथम स्थान प्राप्त कर चुका है। जंहा इंदौर को आवास एवं शहरी विकास मंत्रालय द्वारा बीते मंगलवार यानी 19 मई को 5 स्टार रेटिंग दे दी गई है। वहीं 5 स्टार रेटिंग के मुताबिक इंदौर के अलावा देश के 5 और शहरों को शामिल किया गया है। इस सूची में गुजरात से सर्वाधिक दो शहर- राजकोट एवं सूरत शामिल किए हैं। इनके अलावा छत्तीसगढ़ के अंबिकापुर, कर्नाटक के मैसूर और महाराष्ट्र के नवी मुंबई को भी शामिल किया गया है। हालांकि इस बार भी किसी शहर को 7 स्टार रेटिंग नहीं दी गई है।
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार इंदौर तीन बार देश में सबसे स्वच्छ शहर का अवार्ड पा चुका था, वहां लगातार बढ़ते कोरोना मरीजों की संख्या ने शहर के लोगों को निराश कर दिया था। इस रेटिंग ने इंदौर के जनप्रतिनिधियों और लोगों के चेहरे पर एक बार फिर मुस्कान ला दी है।मध्य प्रदेश का यह एकलौता शहर है जिसे गारबेज फ्री रेटिंग में फाइव स्टार मिले हैं।
जंहा केंद्रीय शहरी विकास मंत्रालय ने 2020-21 की रेटिंग संबंधी गाइडलाइन में शहरों को ‘थर्ड बिन’ पर भी अब पूरा ध्यान लगाने के निर्देश दिए गए हैं। अब तक स्वच्छता सर्वे में स्टार रेटिंग के लिए 1000 अंक दिए गए थे लेकिन नई गाइडलाइन में इसे बढ़ाकर 1200 कर दिया गया है।
जानकारी के लिए हम बता दें कि इंदौर नगर निगम के सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट कंसल्टेंट असद वारसी ने बताया कि अब तक मंत्रालय गीला और सूखा कचरा अलग-अलग करने के दिशा- निर्देश देता था, लेकिन कोरोना संक्रमण के मद्देनजर थर्ड बिन का उपयोग अब जरूरी किया गया है। इंदौर पहले से ही ‘थर्ड बिन’ का उपयोग कर रहा है। इसमें डाइपर, सैनिटरी नेपकिन और खराब दवाइयां ली जाती हैं। मंत्रालय अब देशभर में ऐसा करना चाहता है। अंतर यह है कि नई गाइड लाइन में ‘थर्ड बिन’ में कोविड से जुड़े वेस्ट को भी डाला जाएगा। मसलन, मास्क, ग्लब्स, कैप आदि को थर्ड बिन में लेना होगा। यह भी कहा गया है कि कोविड वेस्ट के निपटान के लिए निकायों को भस्मक का उपयोग करना होगा।