नई दिल्ली। केन्द्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार); पृथ्वी विज्ञान राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार); प्रधानमंत्री कार्यालय में राज्य मंत्री; लोक शिकायत एवं पेंशन, परमाणु ऊर्जा और अन्तरिक्ष राज्य मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने स्वास्थ्य और कृषि में भारत-डच सहयोग पर जोर दिया, जो प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार के प्राथमिकता वाले क्षेत्र हैं। उन्होंने कहा कि चूंकि स्वास्थ्य, कृषि और जल की त्रिमूर्ति कई वर्षों से घनिष्ठ पारस्परिक सहयोग का आधार रही है, इसलिए भारत और नीदरलैंड के बीच, सहयोग को दूसरों के अनुसरण के लिए एक मॉडल के रूप में विकसित किया जा सकता है। जितेन्द्र सिंह ने राजदूत मार्टन वैन डेन बर्ग के नेतृत्व में नीदरलैंड के एक प्रतिनिधिमंडल से विज्ञान और प्रौद्योगिकी तथा नवाचार के क्षेत्र में द्विपक्षीय सहयोग पर चर्चा की। भारत सरकार के प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार प्रोफेसर के. विजय राघवन, विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग (डीएसटी) के सचिव प्रोफेसर आशुतोष शर्मा, जैव प्रौद्योगिकी विभाग (डीबीटी) की सचिव डॉ रेणु स्वरूप, वैज्ञानिक और प्रौद्योगिक अनुसंधान परिषद (सीएसआईआर) के महानिदेशक वैज्ञानिक एवं औद्योगिक अनुसन्धान विभाग (डीएसआईआर) के सचिव डॉ शेखर मांडे, डीएसटी में अंतर्राष्ट्रीय प्रभाग (इंटरनेशनल डिविजन) के प्रमुख एस.के .वार्ष्णेय, अंतर्राष्ट्रीय प्रभाग (इंटरनेशनल डिविजन) डीएसटी, से ही डॉ उज्ज्वला तिर्की, वैज्ञानिक और औद्योगिक अनुसंधान परिषद (सीएसआईआर) के अंतर्राष्ट्रीय प्रभाग (इंटरनेशनल डिविजन) की प्रमुख डॉ रमा बंसल और मंत्रालय के अन्य वरिष्ठ अधिकारियों ने भी इस बैठक में भाग लिया। डॉ जितेंद्र सिंह ने कहा कि वैज्ञानिक प्रौद्योगिकी भविष्य की वैश्विक अर्थव्यवस्था की स्थिति और रूपरेखा निर्धारित करेगी और भारत राष्ट्रों के समूह में अग्रणी भूमिका निभाने के लिए तैयार है। उन्होंने कहा, भारत निवेश के विशाल गंतव्य के रूप में उभर रहा हैI उन्होंने निजी क्षेत्र से भी जीवन के सभी क्षेत्रों में संबंधों को आगे बढ़ाने के लिए इस अवसर का लाभ उठाने का आह्वान किया क्योंकि दोनों देशों के बीच गहरे ऐतिहासिक और सांस्कृतिक संबंध हैं।