मदरलैंड संवाददाता, छपरा
• सर्वे में विरोध करने वालो को समझाने से मिली सफलता
•सर्वे की जरूरतों पर विस्तार से दी गयी जानकारी
•एक ही मोहल्ले के 40 घरों का हुआ सर्वे
छपरा शहर के रौज़ा पोखरा वार्ड नंबर 44 में स्वास्थ्य विभाग और प्रशासन की पहल पर बुधवार को डोर टू डोर सर्वे का कार्य पूरा किया गया। यहाँ बता दें कि मंगलवार को रौज़ा पोखरा मोहल्ले के करीब 40 घरों के परिवारों ने सर्वे कार्य को बाधित कर दिया था तथा सर्वे दलों को कुछ भी जानकारी देने से इनकार कर दिया था। उन लोगों का कहना था कि हम इस बारे में कुछ भी नहीं बताएंगे। सिविल सर्जन डॉ माधवेश्वर झा ने बताया कि जैसे ही इसकी सूचना स्वास्थ्य विभाग को मिली तुरंत एक्शन लिया गया और टीम का गठन किया गया। टीम में यूनिसेफ के एसएमसी आरती त्रिपाठी आईसीडीएस के डीपीओ वंदना पांडे मलेरिया कार्यालय के मलेरिया इंस्पेक्टर मुस्तफा अंसारी को भेजा गया। जिसके बाद स्वास्थ्य विभाग व जिला प्रशासन की टीम ने बुधवार को वहां पहुंचकर लोगों को कोरोना वायरस के खतरे तथा बचाव के बारे में जानकारी दी तथा लोगों को समझा-बुझाकर सर्वे कार्य में सहयोग करने के लिए सहमत किया। जिसके बाद करीब 40 घरों का सर्वे किया गया। यूनिसेफ के एसएमसी आरती त्रिपाठी ने बताया कि काफी समझाने बुझाने के बाद लोग सर्वे कराने के लिए तैयार हुए। जिसके बाद सभी 40 घरों का सर्वे किया गया।
40 घरों का हुआ सर्वे व स्क्रीनिंग:
आईसीडीएस के डीपीओ वंदना पांडे ने बताया कि वार्ड नंबर 44 में करीब 40 घर है जहां सर्वेक्षण का कार्य किया गया। सर्वेक्षण के दौरान कोरोना के लक्षण वाले व्यक्तियों का स्क्रीनिंग भी किया गया है तथा आवश्यकता अनुसार सैंपल भी लिया जाएगा। उन्होंने कहा कि इस अभियान में आम जनों की सहयोग काफी महत्वपूर्ण है। आपके सहयोग से ही यह अभियान सफल हो सकेगा। अतः आप सभी से अपील है कि डोर टू डोर सर्वे अभियान में अपना अहम सहयोग प्रदान करें तथा आशा व आंगनबाड़ी सेविकाओं को सही-सही जानकारी उपलब्ध कराएं। ताकि वैश्विक महामारी कोरोना के संक्रमण से आप व आपके पूरे परिवार सहित पूरे समाज को बचाया जा सके।
स्थानीय सामाजिक कार्यकर्ताओं ने किया सहयोग:
डोर टू डोर सर्वे अभियान के दौरान वार्ड नंबर 44 में लोगों द्वारा सर्वे कराने से इनकार करने के बाद स्वास्थ्य विभाग और जिला प्रशासन की टीम के साथ-साथ स्थानीय सामाजिक कार्यकर्ताओं का सहयोग भी काफी महत्वपूर्ण रहा । लोगों को समझाने में सामाजिक कार्यकर्ताओं ने काफी प्रयास किया। जिसके फलस्वरूप डोर टू डोर सर्वे अभियान का कार्य प्रारंभ किया गया।