मदरलैंड संवाददाता, भैरोगंज
बरसात वाले मौसम की बात छोड़िये सूखे मौसम में हल्की बारिश में इधर से गुजरना नाको चने चबाने जैसा है। अब कल्पना कीजिये के जब बरसात का मौसम आएगा तब इस मार्ग से गुजरना कितना कठिन होगा? यह हाल है भैरोगंज से मंझरिया मुख्य मार्ग का। बांसगांव से गुजरती इस सड़क का हाल इसी गाँव मे बद्तर है। यहाँ सड़क करीब तीन फीट गहरे नाले में तब्दील हो गया है। दरअसल यहाँ से पानी निकासी को कोई मार्ग नहीं है। जब भी बारिश होती है यहाँ बरसात का पानी इक्कठा हो जाता है। इसके अलावे ग्रामीणों के द्वारा सड़क के किनारे मवेशियों के चारे के लिए पुआल के पुंज(ढेर) व उनके गोबर  के ढेर रख दिये जाते हैं। जबकि कई ग्रामीण अपने दरवाजे के सामने सड़क किनारें मिट्टी भर चुके हैं। अब होता ये है के जैसे ही बारिश होती है उपरोक्त इक्कट्ठे पदार्थ जमा हुए पानी मे मिल जाते हैं तथा वाहनों के आवागमन से यहाँ सब मिलकर नर्क जैसा दृष्य प्रस्तुत कर देते हैं। यहाँ फिसलन तैयार हो जाता है। चार पहिया वाहनों की तो गनीमत है पर इस नरकनुमा सड़क का खामियाजा पैदल,साईकिल और बाइक सवार को भुगतना पड़ता है। पैदल, साईकिल और बाइक सवार यहाँ अक्सर गिर पड़ते हैं और जख्मी हो जाते हैं। दोपहिया वाहनों पर पीछे बैठी महिलाएं भी यहाँ कई बार गिरने के बाद चोटिल हो चुकी हैं।ग्रामीण मोहन सोनी, राजेश यादव, मनीष शुक्ला, मैनेजर पासवान, मनोज चौधरी, चन्द्रभूषण तिवारी,हरिश्चन्द्र सोनी आदि ने बताया कि इस सड़क की मरम्मत हुए कई वर्ष बीत गए हैं। इसकी सुधी लेनेवाला कोई नहीं है। ग्रामीणों का कहना है कि बरसात अभी शुरू नहीं हुई है तब यह हाल है। जब बरसात शुरू होती है तो इस मौसम के तीन महीने  हमारे अलावा करीब दर्जन भर गाँव वाले इस नर्क को दैनिक जीवन मे भुगतने को अभिशप्त हैं।क्योंकि सबके अपने सरोकार से इस रूट से गुजरने की मजबूरी है जो टाली नहीं जा सकती।
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