सहरसा : करीब चार दशकों से रेल ओवरब्रिज निर्माण की बाट जोह रहे सहरसा वासी अब आर पार के मूड में हैं। शहर के बंगाली बाजार ढ़ाला के समीप समाजसेवी सोहन झा के नेतृत्व में युवाओं ने रेल मंत्री पीयूष गोयल व ईसीआर समस्तीपुर के डीआरएम के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। रेल ओवरब्रिज के निर्माण कार्य में हो रही देरी से अब लोगों के सब्र ने भी जवाब दे दिया है। युवाओं ने रेलमंत्री का पुतला दहन करते हुए जमकर नारेबाजी की और जल्द से जल्द आरओबी निर्माण की मांग की। ताकि शहर के आम आवाम को जाम की समस्या से निजात मिल सके। हालांकि विरोध की यह लहर पिछले कई वर्षों से जारी है लेकिन सिर्फ आश्वासन के सहारे ही हमारे सफेदपोश व रेल पदाधिकारी काम चला रहे हैं। कभी मिट्टी जांच तो कभी फंड का टोटा कहकर मामले को दरकिनार करने की कोशिशें की गईं। वहीं दूसरी ओर विधानसभा के चुनावी संग्राम ने भी दस्तक दे दी है तो रेल ओवरब्रिज के साथ साथ सड़क, ड्रेनेज, साफ सफाई व अन्य विकास कार्यों को लेकर भी विरोध के स्वर मुखर हो रहे हैं। सोशल मीडिया का भी सहारा लिया जा रहा है।

इस मौके पर समाजसेवी सोहन झा ने कहा कि ओवरब्रिज निर्माण कार्य में रेलवे की लापरवाही साफतौर पर नजर आती है। गत वर्ष 29 दिसंबर को हमलोगों ने बंगाली बाजार रेलवे ढ़ाला पर ओवरब्रिज निर्माण की मांग को लेकर रेल सेवा बाधित किया था। उस दौरान रेलवे के वरीय पदाधिकारी द्वारा आश्वासन दिया गया था कि 2 अप्रैल तक ओवरब्रिज निर्माण कार्य में आने वाली सभी बाधाएं को दूर कर ली जाएंगी। लेकिन लंबा वक्त बीतने के बाद भी अभी तक रेलवे द्वारा बीआरपीएनएनएल को भेजे गए ओवरब्रिज के नक्शे की स्वीकृति तक नहीं दी गई है। उन्होंने कहा कि कोरोना महामारी की आड़ में राज्य सरकार एवं रेलवे द्वारा ओवरब्रिज निर्माण को टरकाने की कोशिश की जा रही है। लेकिन हमलोग भी चुप बैठने वालों में से नहीं हैं। हम संघर्ष करेंगे और हर हाल में ओवरब्रिज का निर्माण कराकर रहेंगे। क्योंकि शहर के युवाओं का लक्ष्य ही है, हमारा लक्ष्य सहरसा का विकास…। ऐसे में हमलोग चुप नहीं बैठेंगे और संघर्ष जारी रखेंगे। ताकि सरकार की कुंभकर्णी तंद्रा को तोड़ा जा सके। इस विरोध प्रदर्शन में परशुराम सेवा संघ (सिहौल) के युवाओं ने भी बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया।