भारत में तेजी से कोरोना वायरस अपने पैर पसार रहा है। वहीं, अब आशंकाओं को भांपते हुए समय से पहले तैयारी और कोरोना से लड़ने वाले योद्धाओं की समर्पित सेवा के चलते भारत अभी तक कोविड-19 महामारी से बेहतर तरीके से मुकाबला कर पाया है। यह बात केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के सदस्य देशों के समकक्षों के साथ वीडियो लिंक के जरिये वार्ता में कही है।

इसके अलावा उन्होने कहा कि हम सामुदायिक निगरानी के जरिये कोरोना वायरस से निपटने में सक्षम हो पाए। भारत में पहला मरीज 30 जनवरी को मिला लेकिन हमने आठ जनवरी को ही विशेषज्ञों के साथ बैठक कर महामारी से निपटने की रूपरेखा तैयार कर ली थी। कोरोना वायरस टेस्ट करने वाली प्रयोगशालाओं की संख्या बढ़ाकर 300 तक कीं। इस समय प्रतिदिन 55 हजार लोगों का टेस्ट हो रहा है। इस क्षमता को 31 मई तक बढ़ाकर प्रतिदिन एक लाख टेस्ट किया जाएगा। भारत ने महामारी से निपटने के लिए अतिरिक्त सतर्कता के साथ काम किया। हर स्थिति से निपटने की समय रहते रूपरेखा बनाई और उस पर पूरे मनोयोग से कार्य किया है। इस चर्चा में महामारी से निपटने के तरीकों पर अनुभव साझा किए जा रहे थे।

अपने बयान में आगे डॉ. हर्षवर्धन ने कहा कि, हम मुश्किल समय में चर्चा कर रहे हैं। प्रतिदिन मरने वालों का आंकड़ा बढ़ रहा है। इसलिए दुनिया के बहुत बड़े हिस्से में सक्रियता से प्रयास किए जाने और अनुभवों का लाभ उठाए जाने की जरूरत है। इसके लिए हम साथ मिलकर कार्य कर सकते हैं। समन्वित और समर्पित प्रयासों से ही हम महामारी को परास्त कर सकते हैं।

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