कहा- शासन ने आरक्षण में रोटेशन प्रक्रिया का नहीं किया है पालन
भोपाल। प्रदेश की नगर निगम, नगर पालिका व नगर पंचायतों के लिए दिसंबर 2020 को जारी आरक्षण अधिसूचना पर मप्र उच्च न्यायालय की ग्वालियर खंडपीठ ने रोक लगा दी। खंडपीठ ने आरक्षण पर रोक लगाते हुए कहा कि शासन द्वारा आरक्षण में रोटेशन प्रक्रिया का पालन नहीं किया गया है। रोटेशन प्रक्रिया का पालन होना चाहिए। शासन को विस्तृत जवाब पेश करने का आदेश दिया है। अब अगले महीने अप्रैल में इस याचिका पर फिर से सुनवाई होगी। कोर्ट के इस आदेश से नगर निगम, नगर पालिका व नगर पंचायतों के चुनाव पर संकट आ गया है, क्योंकि आरक्षण की अधिसूचना पर रोक होने से चुनाव कराना संभव नहीं है। बहोड़ापुर निवासी अधिवक्ता मनवर्धन सिंह तोमर ने उच्च न्यायालय में जनहित याचिका दायर की। अधिवक्ता अभिषेक सिंह भदौरिया ने तर्क दिया कि शासन ने 79 नगर निगम, नगर पालिका व नगर पंचायतों को अनुसूचति जाति व जनजाति के लिए आरक्षित किया है। जैसे कि मुरैना व उज्जैन नगर निगम के महापौर का पद वर्ष 2014 में अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित था, लेकिन 2020 में भी इन सीटों को अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित रखा है। नगर पालिका व नगर पंचायतों में भी ऐसा ही किया गया है। जबकि 2020 के चुनाव में रोटेशन प्रणाली का पालन करते हुए बदलाव करना था। रोटेशन प्रक्रिया का पालन नहीं अन्य वर्ग के लोग चुनाव नहीं लड़ पा रहे हैं। ये लोगों के संवैधानिक अधिकारों का हनन है। शासन की ओर से अतिरिक्त महाधिवक्ता अंकुर मोदी उपस्थित हुए थे। दोनों पक्षों को सुनने के बाद कोर्ट ने गत दिवस फैसला सुरक्षित कर लिया था। शनिवार को इस याचिका में कोर्ट ने अपना फैसला सुना दिया। आरक्षण पर रोक लगा दी। डबरा व इंदरगढ़ को लेकर दायर जनहित याचिका के साथ इस याचिका के साथ संलग्न कर दिया गया। तीनों याचिकाओं की 24 अप्रैल को सुनवाई संभावित है। मालूम हो ‎कि नगर पालिका व नगर पंचायतों में मरकोनिया सागर, दमुआ छिंदवाड़ा, डबरा ग्वालियर, गोहद भिंड, सारनी बैतुल, खुरई सागर, आमला बैतूल, चंदेरी अशोकनगर, बीना इटावा सागर, गोटेगांव नरसिंगपुर, महाराजपुर छतरपुर, नागदा उज्जैन, भिंड, हाटा दमोह, मलाजखंड बालाघाट, झाबुआ, अलीराजपुर, पाली उमरिया, बड़वानी, बिजुरी अनूपपुर, तारिचरकलान टीकमगढ़, निवाड़ी, गोरमी भिंड, पलेरा टीकमगढ़, मकदोन उज्जैन, बरिगर छतरपुर, पवई पन्नाा, जैतवारा सतना, काकरहाटि पन्नाा, लिधोराखास टीकमगढ़, बमौर मुरैना, सांची रायसेन, खेतिया बड़वानी, जवार सीहोर, चांदला छतरपुर, बिरसिंगपुर सतना, लवकुश छतरपुर, पिपलावन देवास, बडोनी दतिया, खरगपुर टीकमगढ़, कोठी सतना, प्रथ्वीपुर निवाड़ी, सलिचोका नरसिंगपुर, इंदरगढ़ दतिया, सुवसरा मंदसौर, पटेरा दमोह, उचेहरा सतिना, साढोरा अशोकनगर, बड़ागांव टीकमगढ़,करही खरगोन, शाहगढ़ सागर, हथोड इंदौर, छपिहेडा राजगढ, बंडा सागर, मचलपुर राजगढ़, अमानगंज पन्नाा, बडकही छिंदवाड़ा, बदरवास शिवपुरी, गडमल्हारा छतरपुर, दबोह भिंड, मांडव धार, दही धार, अमरकंटक अनूपपुर, मेघनगर झाबुआ, निवास मंडला, अल्सुद बड़वानी, धमनोद रतलाम, सरदारपुर धार, ओमकारेश्वर खंडवा, भूआ बिछिया मंडला, थंडला झाबुआ, जोबट अलीराज पुर, रानापुर झाबुआ, बेहर बालाघर, कांताफोड देवास, नौरोजाबाद उमरिया, कुशी धारा, डिंढोरी, चंदिया उमरिया के आरक्षण को चुनौती दी गई थी। इस बारे में अतिरिक्त महाधिवक्ता ग्वालियर अंकुर मोदी का कहना है कि आरक्षण की अधिसूचना पर रोक लगा दी है। जब अधिसूचना पर रोक लगने से चुनाव करना संभव नहीं है। इसमें अंतिम निर्णय चुनाव आयोग को लेना है कि क्या किया जा सकता है।

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