नई दिल्ली । पश्चिमी विक्षोभ के चलते उच्च हिमालयी क्षेत्रों में हुई बर्फबारी का असर दिल्ली के मौसम पर साफ देखने को मिल रहा है। सोमवार का दिन बीते दस सालों में सबसे ठंडा दिन रहा। मौसम विभाग का अनुमान है कि अगले सप्ताह भर के अंदर न्यूनतम और अधिकतम दोनों ही तापमान में गिरावट आएगी। राजधानी दिल्ली पर भी उच्च हिमालयी क्षेत्र में हुए हिमपात का साफ असर देखने को मिल रहा है। यूं तो रविवार के दिन दिल्ली के ज्यादातर हिस्सों में हल्की बरसात हुई थी। इसके चलते वातावरण से प्रदूषण काफी हद तक साफ हो गया है और मौसम में नमी का स्तर भी बढ़ा है। सोमवार के दिन भी कश्मीर समेत उच्च हिमालयी क्षेत्रों में बर्फबारी हुई है। जबकि, पंजाब और हरियाणा में कई जगहों पर सुबह के समय बारिश और ओलावृष्टि भी हुई। दिल्ली में भी दिन भर बादल छाए रहे। जबकि, हवा में ठंड का असर मौजूद रहा। इसके चलते जहां दिन के तापमान में खासी गिरावट दर्ज की गई है। जबकि, बादल छाए रहने के चलते न्यूनतम तापमान में थोड़ी बढ़ोतरी हुई है। मौसम विभाग का अनुमान है कि अगले छह दिनों के बीच तापमान में तीन डिग्री तक की गिरावट दर्ज की जाएगी। पहाड़ों पर हुए हिमपात के चलते 22 नवंबर तक न्यूनतम तापमान नौ और अधिकतम तापमान 26 डिग्री सेल्सियस तक पहुंचने की संभावना है। इस दौरान सुबह के समय हल्के से लेकर मध्यम स्तर का कोहरा भी देखने को मिलेगा। पश्चिमी विक्षोभ के असर से पहाड़ों पर बर्फबारी व मैदानी इलाकों में बरसात व ओलोवृष्टि हुई है। इसके चलते दिल्ली की सर्दी में इजाफा होगा। मंगलवार से हवा की दिशा भी उत्तरी पश्चिमी होने की संभावना है। इससे पहाड़ों की ओर से ठंड से भरी हवाएं दिल्ली की तरफ आएंगी।

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