काबुल। अफगानिस्तान पर तालिबान के कब्जे के बाद भी संगठन की पकड़ से अभी भी पंजशीर का इलाका काफी दूर है। ‘शेर-ए-पंजशीर अहमद शाह मसूद के बेटे अहमद मसूद की अगुवाई में नॉर्दर्न एलायंस इस जगह तालिबान को कड़ी चुनौती दे रहा है।अफगानिस्तान के कार्यकारी राष्ट्रपति अमरुल्ला सालेह भी अपने लोगों के साथ यहां पर ही हैं। नॉर्दर्न एलायंस को तालिबान के खिलाफ जंग लड़ने में और भी मजबूती मिली है। अफगानी सेना के पूर्व कमांडर्स ने अब पंजशीर पहुंचकर अहमद मसूद की सेना से हाथ मिलाकर तालिबान के खिलाफ जंग लड़ने को तैयार हैं।
रिपोर्ट्स के मुताबिक, तालिबानी विरोधी गुट की मदद करने के लिए पूर्व उपराष्ट्रपति अहमद जिया मसूद और नॉर्दर्न एलायंस के पूर्व कमांडर अमानुल्लाह गुलजार पंजशीर पहुंचे हैं।ये सभी अब अहमद मसूद की अगुवाई में नॉर्दर्न एलायंस का साथ देने वाले हैं, जो इस वक्त तालिबान के खिलाफ मोर्चा संभाले हुए हैं।
बता दें कि ये दोनों अपने समर्थकों के साथ ताजिकिस्तान के जरिए पंजशीर पहुंचे हैं। ताजिकिस्तान से हेलिकॉप्टर के जरिए ये मदद पहुंचाई गई है, इनके साथ कई हथियार भी लाए गए हैं। ताजिकिस्तान की ओर से लगातार नॉर्दर्न एलायंस को मदद पहुंचाई जा रही है, इनमें हथियार और इन्फॉर्मेशन शामिल हैं।हथियारों के अलावा ताजिकिस्तान ने हेलिकॉप्टर भी पहुंचाए हैं। तालिबान अफगानिस्तान के हर प्रांत पर कब्जा कर चुका है, बस पंजशीर उससे दूर है। पंजशीर, अंद्राब, बगलान सहित अन्य कुछ इलाकों में नॉर्दर्न एलायंस के लड़ाकों ने तालिबान को कड़ी चुनौती दी है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, इन जगहों पर करीब 300 से अधिक तालिबानियों को मार भी गिराया गया।इसकारण है कि तालिबान को बड़ा झटका लगा है।
नॉर्दर्न एलायंस की अगुवाई कर रहे अहमद मसूद ने साफ कर दिया है कि वह शांति चाहते हैं और अफगानिस्तान में ऐसी सरकार देखना चाहते हैं जो हर किसी को अपने साथ लेकर चले।लेकिन अगर तालिबान लड़ाई चाहता है,तब वहां लड़ने के लिए तैयार हैं और किसी भी कीमत पर पंजशीर उसके हाथ नहीं लगने देने वाले हैं।

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