अलीगढ़ । सासनी गेट, अलीगढ़ के रहने वाले हाईवेयर कारोबारी ब्रजेश की 10 साल की बेटी यशस्वी बीमार रहती थी और आगरा में उसका इलाज चल रहा था। उसे न्यूरो संबंधी कोई परेशानी थी। इसके बाद भी वो स्कूल में पढ़ने जाती थी। एक दिसम्बर को शाम 5 बजे यशस्वी अचानक से बेहोश हो गई। उसके पिता उसे लेकर पास के अस्पताल पहुंचे। वहां डॉक्टरों ने कहा कि आप इसे जेएन मेडिकल कॉलेज (एएमयू) ले जाइए। मेडिकल कॉलेज जाते वक्त कार सासनी गेट के पास ट्रैफिक जाम में फंस गई। तब ब्रजेश कार को छोड़ एक्टिवा से बेटी को मेडिकल कॉलेज ले जाने लगे।
एक्टिवा से आगे बढ़े तो खिरनी गेट और हाथरस अड्डे के पास फिर से जाम मिल गया। वहां से चले तो रॉयल सिनेमा हाल के पास रोड को बंद कर निर्माण कार्य चल रहा था। इसके बाद ब्रजेश ने अपनी एक्टिवा बैंक कॉलोनी होते हुए निकलने की कोशिश की तो दुबे का पड़ाव पर जाम मिल गया। बेटी यशस्वी अभी भी बेहोश थी। पिता की सांस भी अटकी हुई थी कि कोई अनहोनी न हो जाए। मेडिकल कॉलेज अभी भी दूर था तो लिहाज़ा निर्णय लिया गया कि रास्ते में पड़ने वाले वरुण ट्रॉमा सेंटर में ही बेटी को दिखा दिया जाए। यहां दाखिले के बाद काफी कोशिशें की गई, लेकिन बेहोशी की हालत में ही यशस्वी की मृत्यु हो गई। य़शस्वी तो नहीं रही , लेकिन घटना को जानने वाले अलीगढ़ के लोग मान रहे हैं कि शहर की ट्रैफिक व्यवस्था यदि सही होती तो शायद यशस्वी अभी जिंदा रहती। इसके लिए अब हम सिर्फ यशस्वी से माफी ही मांग सकते हैं।