सीसीआईएम ने कडे ‎किए मान्यता के मापदंड

भोपाल। प्रदेश के बारह निजी आयुर्वेद कॉलेजों में से मात्र एक कॉलेज को मान्यता ‎मिल पाई है। निजी आयुर्वेद कॉलेजों को इस साल स्नातक कोर्स में दाखिले के लिए मान्यता मिलने के आसार नहीं लग रहे हैं। भोपाल के सात निजी आयुर्वेद कॉलेजों में अभी तक एक भी मान्यता नहीं आई है। 31 जनवरी को आयुष कॉलेजों में दाखिले के लिए दूसरे चरण की प्रक्रिया पूरी हो जाएगी। मान्यता नहीं ‎मिलने को लेकर कहा जा रहा है ‎कि सेंट्रल काउंसिल ऑफ इंडियन मेडिसिन (सीसीआइएम) ने 2020-21 के सत्र में मान्यता के लिए शिक्षकों को लेकर मापदंड कड़े कर दिए हैं। कॉलेज संचालक शिक्षकों के संबंध में मांगे गए पूरे दस्तावेज नहीं दे पाए, इस वजह से मान्यता अटक गई है।

 कॉलेजों में कुछ में 60 तो कुछ में 100 सीटें बीएएमएस कोर्स की हैं

हालांकि, कॉलेज संचालकों को अभी भी उम्मीद है कि उनकी मान्यता फरवरी के पहले हफ्ते में आ सकती है। उप-संचालक आयुष डॉ. सुशील तिवारी ने बताया कि भारत सरकार ने आयुष कॉलेजों में दाखिले की तिथि बढ़ाकर 28 फरवरी कर दी है। दो चरण की काउंसिलिंग पूरी होने के बाद भी अभी एक महीने का समय है। निजी कॉलेजों को मान्यता मिलती है तो दाखिले में कोई दिक्कत नहीं आएगी। उन्होंने बताया कि अभी सिर्फ शुभदीप आयुर्वेद कॉलेज को मान्यता मिली है। आयुष मेडिकल एसोसिएशन के राष्ट्रीय प्रवक्ता डॉ. राकेश पाण्डेय ने कहा कि केंद्र सरकार को इस संबंध में जल्द निर्णय लेना होगा। इसकी वजह यह कि उम्मीदवार भी इस भरोसे में बैठे हैं कि इन कॉलेजों को मान्यता मिली तो उन्हें दाखिला मिल सकता है। उन्होंने कहा कि मध्य प्रदेश ही नहीं, देशभर के करीब 300 कॉलेजों को अभी मान्यता नहीं मिली है। मालूम हो ‎कि वर्तमान में प्रदेश में कुल निजी आयुर्वेद कॉलेजों की संख्या 12 है। निजी आयुर्वेद कॉलेजों में बीएएमएस की सीटें 960 है। प्रदेश में सरकारी आयुर्वेद कॉलेजों की कुल संख्या 7 है।

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