नई दिल्ली। कांग्रेस पार्टी की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी विपक्षी एकजुटता की कवायद के तहत शुक्रवार को देश के कई प्रमुख विपक्षी नेताओं के साथ डिजिटल बैठक करेंगी। इस बैठक में पश्चिम बंगाल, महाराष्ट्र, तमिलनाडु और झारखंड के मुख्यमंत्री भी शामिल हो सकते हैं। सूत्रों का कहना है कि सोनिया गांधी देश के सामने खड़े प्रमुख मुद्दों पर विपक्षी दलों को साथ लेकर सरकार को घेरने की कोशिश में हैं और इसी प्रयास के तहत यह बैठक बुलाई गई है। विपक्षी दल राष्ट्रीय स्तर पर भाजपा और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का मुकाबला करने के वास्ते एकजुट होने के लिए प्रयासरत हैं ताकि अगले लोकसभा चुनाव में विपक्ष की ओर से कड़ी चुनौती पेश की जा सके। हाल ही में संपन्न हुए संसद के मॉनसून सत्र के दौरान पेगासस जासूसी विवाद, किसान आंदोलन और महंगाई के मुद्दों पर सरकार के खिलाफ विपक्षी एकजुटता देखने को मिली। इस दौरान कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी विपक्षी एकजुटता की पूरी कवायद के केंद्र बिंदु नजर आए। सोनिया गांधी के साथ डिजिटल बैठक के लिए पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे, तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन, झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के प्रमुख शरद पवार समेत कई विपक्षी नेताओं को आमंत्रित किया गया है। सोनिया गांधी ने यह बैठक पेगासस जासूसी विवाद और इसे लेकर संसद के हाल में संपन्न मॉनसून सत्र में हुए हंगामे को लेकर जारी आरोप-प्रत्यारोप के बीच बुलाई है। हालांकि, बैठक का एजेंडा सामने नहीं आया है, लेकिन उम्मीद की जा रही है कि बैठक में विपक्षी दलों के मुद्दों पर चर्चा करने और विपक्षी एकजुटता को मजबूत करने के तरीकों पर विचार-विमर्श होगा। सूत्रों का कहना है कि अफगानिस्तान के हालात और पूर्वोत्तर के कुछ हालिया घटनाक्रम की पृष्ठभूमि में विपक्षी दल सरकार से राष्ट्रीय सुरक्षा को लेकर सवाल कर सकते हैं।

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