नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने उच्चतम न्यायालय से कहा है कि 31 जुलाई तक कोविड वैक्सीन की कुल 51.6 करोड़ खुराक उपलब्ध कराई जाएंगी, जिनमें से 35.6 करोड़ खुराक पहले ही मुहैया कराई जा चुकी है। बच्चों पर वैक्सीन के ट्रायल के लिए पंजीकरण शुरू किया गया है। चिकित्सा परीक्षण के नतीजे सामने आने के बाद ही बच्चों का वैक्सीनेशन करने पर निर्णय लिया जाएगा।
बच्चों के लिए टीका उपलब्ध कराने की स्थिति को लेकर केंद्र ने एक हलफनामे में कहा कि भारत के दवा नियामक ने 12 मई को भारत बायोटेक को उसके टीके कोवैक्सीन का क्लीनिकल ट्रायल दो से 18 साल के प्रतिभागियों पर करने की अनुमति प्रदान की थी और इस परीक्षण के लिए पंजीकरण शुरू हो चुका है। अदालत को यह भी बताया गया कि डीएनए टीका विकसित कर रहे जायडस कैडिला ने 12 से 18 वर्ष के आयुसमूह पर क्लीनिकल ट्रायल पूरा कर लिया है और इसे वैधानिक मंजूरी मिलने के बाद यह टीका निकट भविष्य में 12 से 18 साल के बच्चों के लिए उपलब्ध हो सकता है।
हलफनामे में सरकार ने यह भी कहा कि देश की पात्र आबादी का टीकाकरण करने के वास्ते टीका उपलब्ध रहेगा। वहीं, केंद्र ने उच्चतम न्यायालय को यह भी बताया कि वे देश में कोविड-19 के मामलों में इजाफा होने की सूरत में इससे निपटने के लिए राज्यों, केंद्र शासित प्रदेशों और इसके बुनियादी ढांचे को लगातार मजबूत कर रहे हैं। शीर्ष अदालत में दायर हलफनामे में केंद्र ने कहा कि इस चरण में मामलों में फिर से वृद्धि होने की संभावना जताना काल्पनिक होगा।
हालांकि, संक्रमण के मामलों में इजाफा वायरस के व्यवहार और लोगों के व्यवहार के पैटर्न पर निर्भर करेगा कि वे कोविड उपयुक्त व्यवहार का पालन कर रहे हैं या नहीं? इसमें कहा गया कि राज्य सरकारों/केंद्र शासित प्रदेशों को लगातार सतर्कता बरतने को लेकर आगाह किया गया है और उन्हें संबंधित राज्य में कोविड के प्रसार में बढ़ोतरी होने की दशा में इससे निपटने के लिए सभी तैयारियां करने को भी कहा गया है।

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