मदरलैंड संवाददाता, बेतिया

योगापट्टी प्रखंड क्षेत्र के प्राकृतिक आपदा से किसानों की गेहू की फसलों की क्षति से डीही डबेलवा, चमुखा ढाढवा पंचायत समेत पूर्व से लेकर अभी तक क्षेत्र के विभिन्न क्षेत्रों में मौषम का मिजाज बीते दिनों बिगड़ने से गेहू के फसल का काफी नुकसान किसानों के बोझे तले पड़ा है। गेहू की फसल के सुरुवाती दौर से ही किसान बंधुओ के द्वारा बेमौशम वर्षा होने के कारण गेहू की फसल की कटाई करने लगे।गेहू की फसल के पकने से पहले ही कटाई होने लगी।मौसम के  विगड़ने से गेहू के फसल तीन चार पानी खा गए किशान वन्धुओं के द्वारा अनन फ़ानन में गेहू के थ्रेशर के बजाय धान के थ्रेशर से दवरि कर आधा छिया निकाला गया जिससे किसानों के फसल का काफी नुकसान हुआ है।आंधी व तूफान से मौसम का मिजाज बिगड़ने लगी। जिससे किसानों के चेहरो पर उदासी छाई है। बता दें कि किसान गेहू की फसल अपनी छति फसलो को लेकर पहले से ही मुसीबत झेल रहे हैं। दूसरी तरफ एक और मुशीबत अब किसान करे तो करें क्या। किसान कोरोना वायरस की वजह से लॉक डाउन में अपनी फसलो को बर्बाद होने से बचा नही सकें। तो दूसरी तरफ बिन मौसम बरसात ने किसानों के कमर ही तोड़ दिया है। बिहार सरकार द्वारा मुवावजे की रकम को किसानों तक पहुचने का वादा तो किया है लेकिन कब तक किसान को हक़ मिलेगा कहना मुश्किल है। किसान अपनी आखो में आँसू लेकर दर दर ठोकर खाने को मजबूर हो चुके है । किशान डीही डबेलवा मुखिया भोला यादव का कहना है कि इस प्राकृतिक आपदा से गेहू के फसलों का काफी नुकसान एवं क्षति हुआ है। किशान बिनोद यादव,राजू कुशवाहा ,भुटेली यादव,रमेश यादव ,रामप्रसाद यादव,झुमान यादव टूना यादव आदि लोगो ने बताया कि गेहू तथा रवि की फसल तो बर्बाद हो ही गई अब गन्ने की फसल को देख मन मे खुशी तो है लेकिन मन उदास भी है क्योंकि अन्न की पैदावार इस वर्ष कम हुआ है वो भी बर्बाद भी हो गया है। प्राकृतिक आपदा की वजह से हम सभी किसानों की काफी छति हुई है। अब बिहार  सरकार द्वारा मुवावजे पर ही अब आश्रित है।

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