कमलनाथ सरकार का 100रुपये का बिल हजारों में कैसे बदला, शिवराज जी जबाब दें, झूठे बिलों से लगाया जा रहा करोड़ों का चूना
भोपाल। मध्य प्रदेश के जिन बिजली उपभोक्ताओं को कमलनाथ सरकार में इंदिरा ज्योति योजना का लाभ मिल रहा था और जिनके बिल 100 रूपये में सिमटे हुए थे। उन उपभोक्ताओं को संबल योजना के रहते हुए डेढ़-डेढ़ लाख तक के बिजली बिल प्राप्त हो रहे हैं। बुधवार को म0प्र0 कांग्रेस कमेटी के प्रदेश कार्यालय में कांग्रेस के मीडिया उपाध्यक्ष भूपेन्द्र गुप्ता और मीडिया समन्वयक नरेन्द्र सलूजा ने की संयुक्त पत्रकार कर प्रदेश की शिवराज सरकार से
जवाब मांगा की कमलनाथ सरकार का 100रुपये का बिल हजारों में कैसे बदला। उन्होंने कहा कि उपभोक्ताओं का कनेक्शन ही 500 वाट लाइट एंड फैन का है उनकी खपत 2000 यूनिट किस आधार पर निकाली गई और इस तरह के झूठे बिल जारी करके सरकार उपभोक्ताओं को लूट क्यों रही है?
श्री गुप्ता ने मुरैना जिले के अम्बाह चुनाव क्षेत्र के सैकड़ों बिजली बिल प्रस्तुत कर बताया कि शिवराज सिंह के मुख्यमंत्री बनने के बाद योजनाबद्ध तरीके से विद्युत वितरण कंपनियों ने झूठे बिलों के माध्यम से उपभोक्ताओं की खुली लूट चालू कर दी। ऐसे सैकड़ों बिल हैं, जिन्हें असेसमेंट के आधार पर बनाया जा रहा है और हैरानी की बात यह है कि गांव में जितने व्यक्ति रहते हैं, सबके मीटरों का अंतिम वाचन 140 है, क्या यह संभव है?
जिन मीटरों की आंकलित खपत 130 यूनिट बताई जा रही है उनके बिल दो हजार यूनिट की खपत के आधार पर दिए जा रहे हैं। उपभोक्ताओं की यह खुली लूट मामा सरकार की संबल योजना के हितग्राहियों से की जा रही है। शिवराज सिंह जी को इस बात का जवाब देना होगा कि जिन उपभोक्ताओं की विगत 6 महीने से आंकलित खपत 130 यूनिट थी, वह अचानक कमलनाथ जी की सरकार के जाते ही एक महीने में 2000 यूनिट कैसे हो गई? इतना बड़ा फर्जीवाड़ा होने से उपभोक्ता के ऊपर लाखों रुपए के बिल बकाया हो गए।
शिवराज सरकार द्वारा अब नया झांसा दिया जा रहा है कि सितंबर माह के बिजली के बिलों में पूर्व अवशेष नहीं जोड़ा जायेगा। इसका अर्थ है कि पुराने बिल माफ नहीं किए जा रहे हैं केवल चुनाव को दृष्टिगत रखते हुए नए बिल में उन्हें लिखा नहीं जा रहा है। यह उपभोक्ता के साथ नया धोखा है। संभव है कि कल को शिवराज सिंह घोषणा भी कर दें कि लंबित बिल का आधा भुगतान लिया जाएगा लेकिन जिस तरह की बिलिंग की गई है उसमें बिल के आधे भुगतान के बावजूद भी उपभोक्ताओं को सामान्य से 10 गुना बिल भरना पड़ेगा। यह विद्युत वितरण कंपनियों की लूट का नया पैंतरा है।
गुप्ता ने कहा कि सरकार को यह बताना चाहिए कि जिन उपभोक्ताओं का कनेक्शन ही 500 वाट लाइट एंड फैन का है उनकी खपत 2000 यूनिट किस आधार पर निकाली गई और इस तरह के झूठे बिल जारी करके सरकार उपभोक्ताओं को लूट क्यों रही है?
सैकड़ों बिलों में मीटर डिफेक्टिव बताया जा रहा है बिल में ही लिखा है कि 11 महीने से मीटर डिफेक्टिव। तो इस मीटर को बदलने की जिम्मेदारी किसकी है? यह मीटर क्यों नहीं बदले गए? क्या उपभोक्ता ने मीटर बदलने के खिलाफ प्रोटेस्ट किया है? अगर बिजली चोरी की जा रही है तो पंचनामा क्यों नहीं बनाए जा रहे हैं? उपभोक्ता को फर्जी बिलों के माध्यम से लूटा क्यों जा रहा है? क्या यही संबल है? क्या इसी तरह करोड़ों उपभोक्ताओं को संबल की सरकार ठग रही है।
गुप्ता ने कहा कि उपचुनाव क्षेत्र अम्बाह में सैकड़ों उपभोक्ताओं के इन फर्जी बिलों की शिकायत राज्य रेगुलेटरी कमीशन और केन्द्रीय रेगुलेटरी अथारिटी में की जायेगी।