भोपाल। प्रदेश के पहली से आठवीं तक के सरकारी और अनुदान प्राप्त स्कूलों में 15 अप्रैल से 13 जून तक ग्रीष्मावकाश रहेगा। कोरोना वायरस संक्रमण के कारण इन स्कूलों में पदस्थ सरकारी शिक्षकों के लिए भी ग्रीष्मावकाश घोषित किया गया है। मप्र स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा आदेश जारी कर दिया गया है। निर्देश दिए हैं कि शिक्षकों को इस शर्त पर ग्रीष्मावकाश दिया जाता है कि संबंधति शिक्षक बोर्ड परीक्षाएं पूरी होने तक मुख्यालय नहीं छोड़ेंगे। बोर्ड परीक्षा में पर्यवेक्षण या अन्य शासकीय कार्य के लिए ड्यूटी लगाए जाने पर अनिवार्य रूप से उपस्थित होंगे। मुख्यालय छोड़ने से पहले अनुमति भी प्राप्त करेंगे। विभाग की उपसचिव अनुभा श्रीवास्तव ने सभी जिला कलेक्टरों और जिला शिक्षा अध‍िकारियों को निर्देश दिए हैं कि कोविड-19 महामारी के कारण सभी निजी स्कूलों में पहली से आठवीं तक की कक्षाओं का संचालन 30 अप्रैल तक बंद रखें। इनका आनलाइन शिक्षण कार्य जारी रहेगा। विभाग से जारी एक अन्य आदेश के मुताबिक प्रदेश के सभी सरकारी एवं निजी छात्रावासों को भी तत्काल प्रभाव से बंद किया जाए। कोरोना महामारी की परिस्थिति और विद्यार्थियों की सुरक्षा एवं स्वास्थ्य को देखते हुए यह निर्णय लिया गया है। विभाग ने इस संबंध में सभी जिला कलेक्टर, जिला शिक्षा अधिकारी, जिला परियोजना समन्वयक एवं प्राचार्यों को दिशा-निर्देश जारी कर दिए हैं। कोरोना संक्रमण के कारण कई जिलों में लाकडाउन लगा है, इसलिए छात्रावासों में रहने वाले विद्यार्थियों को सकुशल घर भेजने का प्रबंध करें। जारी निर्देशों में स्पष्ट किया गया है बोर्ड परीक्षाएं संबंधित बोर्ड, माध्यमिक शिक्षा मंडल, सीबीएसई, आइसीएसइ के अनुसार ही आयोजित होंगी।सरकारी स्कूलों में दसवीं व बारहवीं के छात्रावासों में रहने वाले विद्यार्थी प्री-बोर्ड परीक्षा की उत्तरपुस्तिकाएं घर के ही नजदीकी स्कूलों में जमा कर सकेंगे। प्रदेश में संचालित नवोदय विद्यालय के लिए भारत सरकार के गृह सचिव से प्राप्त निर्देशों के अनुसार कार्रवाई करें।

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