जम्मू कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा देने वाली संविधान की धारा 370 और अनुच्छेद 35 A खत्म किए जाने और सूबे के 2 केंद्र शासित प्रदेशों के तौर पर पुनर्गठन के बाद अब केंद्र सरकार घाटी में सालों से बंद पड़े मंदिरों को खोलने की तैयारी शुरू कर दी है। गृह राज्यमंत्री जी. किशन रेड्डी ने सोमवार को कहा है कि सरकार जम्मू कश्मीर में बंद पड़े हुए मंदिरों का सर्वे करा रही है।
बंद पड़े स्कूलों के सर्वे के लिए समिति का गठन
गृह राज्यमंत्री रेड्डी ने मीडिया से बात करते हुए कहा है कि, हमने कश्मीर घाटी में बंद पड़े स्कूलों के सर्वे के लिए एक समिति का गठन किया है और उन्हें फिर से खोला जाएगा। पिछले कुछ वर्षों में लगभग 50 हजार मंदिर बंद हुए हैं, जिनमें से कुछ तबाह हो गए हैं और मूर्तियां खंडित हुई हैं। हमने ऐसे मंदिरों के सर्वे करवाने के लिए आदेश जारी किया है।
पंडितों के पलायन करने के बाद राज्य में कई मंदिर बंद हुए..
बता दें कि 90 के दशक में जम्मू कश्मीर में आतंकवाद का दौर आरंभ होने के बाद घाटी से लाखों की तादाद में कश्मीरी पंडितों को पलायन के लिए बाध्य होना पड़ा था। आतंकियों ने बड़े पैमाने पर कश्मीरी पंडितों का कत्लेआम किया था और तमाम मंदिरों को भी नुकसान पहुंचाया था। पंडितों के पलायन करने के बाद राज्य में कई मंदिर बंद हो गए। इनमें कई मशहूर मंदिर भी हैं। अब सरकार कश्मीरी पंडितों को घाटी में बसाने के साथ ही सभी मंदिर खुलवाने की तैयारी कर रही है ।