पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व वित्त मंत्री पी. चिदंबरम से तिहाड़ जेल में मुलाकात के बाद एक बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि जिस प्रस्ताव को मंजूरी देने वाले अधिकारी दोषी नहीं तो फिर पी. चिदंबरम पर बतौर वित्त मंत्री अपराध करने का आरोप कैसे लगाया जा सकता है। उन्होंने यह भी कहा कि अगर एक मंत्री को ही किसी सिफारिश को मंजूरी देने के लिए जिम्मेदार ठहराया जाएगा तो सम्पूर्ण सरकारी प्रणाली ध्वस्त हो जाएगी। मनमोहन सिंह ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के साथ सोमवार को तिहाड़ जेल पहुंचकर चिदंबरम से मुलाकात की थी और उनके प्रति एकजुटता प्रकट की।
चिदंबरम की हिरासत से चिंतित हैं मनमोहन सिंह…
आईएनएक्स मीडिया मामले में गिरफ्तार पी चिदंबरम इन दिनों तिहाड़ जेल में बंद हैं। इस मुलाकात के बाद मनमोहन सिंह ने कहा कि हम अपने सहयोगी पी. चिदंबरम की निरंतर हिरासत से चिंतित हैं। हमारी सरकारी प्रणाली में कोई भी निर्णय किसी एक व्यक्ति द्वारा नहीं लिया जा सकता, सभी निर्णय सामूहिक निर्णय होते हैं। जिन्हें फाइलों में दर्ज किया जाता है। केन्द्र सरकार के 6 सचिवों सहित एक दर्जन अधिकारियों ने प्रस्ताव की जांच के बाद ही अपनी सिफारिश दी थी।
संपूर्ण सरकारी प्रणाली ध्वस्त हो जाएगी..
चिदंबरम ने मंत्री के तौर पर सर्वसम्मत सिफारिश को अपनी मंजूरी प्रदान की थी। पूर्व प्रधानमंत्री ने सवाल किया कि यदि अधिकारियों की कोई गलती नहीं है। तो ये बात समझ से परे है कि वह मंत्री, जिसने सर्वसम्मति से प्राप्त सिफारिश को मात्र अपनी मंजूरी दी, उस पर अपराध करने का आरोप कैसे लगाया जा सकता है? उन्होंने कहा कि अगर एक मंत्री को ही सिफारिश को मंजूरी देने के लिए जिम्मेदार ठहराया जाएगा तो सम्पूर्ण सरकारी प्रणाली ध्वस्त हो जाएगी।