पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान अब तक कश्मीर का मुद्दा दुनिया के कई देशों के सामने उठा चुके हैं, लेकिन हर जगह से उन्हें समर्थन नहीं मिल पाया है। अलग-अलग मंचों से नाकामी मिलने के बाद अब इमरान खान खुद भी हार मान चुके हैं। जी दरअसल, हाल ही में उन्होंने स्वीकार कर लिया है कि पाकिस्तान कश्मीर मुद्दे के अंतरराष्ट्रीयकरण के अपने प्रयासों में विफल रहा है और इमरान खान ने बीते मंगलवार को कहा, वह इस मुद्दे पर अंतरराष्ट्रीय समुदाय से निराश हैं।

कश्मीर को लेकर कई बार मात खा चुका पाकिस्तान
गौरतलब है कि पाकिस्तान अंतरराष्ट्रीय मंच पर कश्मीर को लेकर कई बार मात खा चुका है और जम्मू और कश्मीर से धारा 370 हटाए जाने के बाद से वो बौखलाया हुआ है। वहीं उसने भारत के खिलाफ देशों को भड़काने की कई बार कोशिश की, लेकिन कामयाबी हाथ नहीं लग पाई। वहीं अब इमरान ने कहा कि, मैं अंतरराष्ट्रीय समुदाय से निराश हूं। यदि आठ मिलियन यूरोपीय या यहूदी या यहां तक ​​कि आठ अमेरिकियों को घेराबंदी में रखा गया होता, तो क्या तब भी यही प्रतिक्रिया होती? लेकिन हम दबाव डालते रहेंगे। कश्मीर से एक बार कर्फ्यू हटता है तो अल्लाह जानता है कि उसके बाद क्या होगा। आपको लगता है कि कश्मीरी चुपचाप स्वीकार कर लेंगे। वैसे इमरान ने ये बातें पाकिस्तानी पत्रकारों से कही और इस दौरान उनके साथ विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी भी मौजूद थे।

ट्रंप ने की मध्यस्थता की पेशकश..
बता दें कि पीएम मोदी और इमरान खान दोनों यूएनजीए के लिए न्यूयॉर्क में हैं और दोनों नेताओं ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के साथ अलग-अलग द्विपक्षीय बैठकें भी की। वहीं ट्रंप ने दोनों देशों के बीच मध्यस्थता करने की अपनी पेशकश को नए सिरे से रेखांकित किया कि वह ऐसा केवल तभी करेंगे जब दोनों पक्षों द्वारा कहा जाएगा। वहीं इस दौरान इमरान खान ने भारत के आर्थिक कद और वैश्विक प्रमुखता को भी स्वीकार किया और बताया कि कश्मीर पर पाकिस्तान के बयान की अनदेखी क्यों की जा रही है इमरान खान ने कहा, भारत में 1.2 बिलियन लोग हैं और दुनिया उन्हें बाजार के रूप में देखती है।

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