छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी को बिलासपुर उच्च न्यायालय से बड़ा झटका लगा है। उच्च न्यायालय ने अजीत जोगी की याचिका को ठुकरा दिया है, जिसमें उन्होंने जाति मामले में उनके खिलाफ दर्ज FIR को रद्द करने की मांग की थी। इस मामले में सुनवाई के बाद मंगलवार को उच्च न्यायालय ने फैसला दिया है। अदालत ने अजीत जोगी की याचिका को निरस्त कर दिया है।
पूर्व सीएम अजीत जोगी की जाति को लेकर गठित की गई हाई पावर कमेटी ने 23 अगस्त 2019 को अदालत में अपनी रिपोर्ट दी थी। इसमें कमेटी ने अजीत जोगी को आदिवासी मानने से मना कर दिया था। इसके साथ ही बिलासपुर प्रशासन को मामले में डाक्यूमेंट्स जब्त कर कानूनी कार्रवाई करने के निर्देश दिए थे। इसके बाद बिलासपुर कलेक्टर के आदेश पर तहसीलदार ने अजीत जोगी के खिलाफ थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई थी।
प्राथमिकी दर्ज होने के बाद अजीत जोगी बिलासपुर उच्च न्यायालय की शरण में पहुंचे थे। आज हाई कोर्ट के न्यायमूर्ति आरसीएस सामन्त की सिंगल बेंच ने यह फैसला दिया है। इस फैसले के बाद अजीत जोगी की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। बता दें कि जन्म स्थान को लेकर गलत जानकारी देने के संबंध में अजीत जोगी के बेटे अमित जोगी इस वक़्त न्यायिक हिरसत में जेल में हैं। अब अजीत जोगी पर भी कानूनी कार्रवाई की जा सकती है।