केंद्र सरकार देश में छाई आर्थिक सुस्ती से लड़ने के लिए तमाम तरह के कदमों को उठा रही है। आरबीआई भी समय-समय पर राहत बड़े कदम उठाते रहता है। इसी कड़ी में मौद्रिक नीति की समीक्षा करते हुए सूक्ष्म वित्त संस्थानों (एमएफआई) के लिए कर्ज देने की सीमा मौजूदा 1 लाख रपए से 25 हजार बढ़ाकर 1.25 लाख रूपये कर दिया है। केंद्रीय बैंक के इस कदम से ग्रामीण और कस्बाई क्षेत्रों में कर्ज की उपलब्धता ब़़ढेगी।

आरबीआई जल्द जारी करेगी दिशा निर्देश
आरबीआई ने गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (एनबीएफसी) या एमएफआई से लोन लेने वाले कर्जदारों के लिए घरेलू आय की पात्रता सीमा ग्रामीण क्षेत्रों के लिए मौजूदा एक लाख से ब़़ढाकर 1.60 लाख रपए और शहरी एवं कस्बाई इलाकों के लिए 1.25 लाख से बढ़ाकर 2 लाख रपए कर दिया है। आरबीआई ने कहा कि इस बारे में जल्द विस्तृत दिशानिर्देश जारी किए जाएंगे।

एमएफआईएन अध्यक्ष ने फैसले का किया स्वागत
माइक्रो फाइनेंस यूनिट्स के प्लेटफॉर्म एमएफआईएन के अध्यक्ष मनोज नांबियार ने इस फैसले का स्वागत करते हुए बताया, यह अच्छा निर्णय है। यह परिवारों की आय में 2015 से हुए बदलाव को दर्शाता है। इससे माइक्रो फाइनेंस संस्थाओं के ग्राहक पहले से ज्यादा कर्ज ले सकेंगे। उन्होंने कहा कि माइक्रो फाइनेंस संस्थाएं 5 करो़ड़ से अधिक लोगों की मदद करके वित्तीय समावेश ब़़ढाने में महत्वपूर्ण योगदान कर रही हैं। बता दें कि देश में मंदी का एक कारण ग्रामीण क्षेत्रों में मांग में कमी भी है।

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