दो दिन पहले कैट द्वारा अमेजन और फ्लिपकार्ट की अनैतिक व्यावसायिक प्रथाओं की शिकायत पर केंद्रीय वाणिज्य मंत्री श्री पीयूष गोयल के निर्देश के तहत वाणिज्य मंत्रालय के डीपीआईआईटी ने आज उद्योग भवन में कन्फ़ेडरेशन ऑफ़ ऑल इंडिया ट्रेडर्ज़ ( कैट) और ऐमज़ान एवं फ्लिपकार्ट के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ एक बैठक की जिसकी अध्यक्षता डीपीआईआईटी के अतिरिक्त सचिव श्री शैलेन्द्र सिंह ने की और इसमें मंत्रालय के अन्य अधिकारियों ने भी भाग लिया। कैट का नेतृत्व इसके राष्ट्रीय महामंत्री श्री प्रवीन खंडेलवाल ने किया, जबकि फ्लिपकार्ट का नेतृत्व इसके सीओओ रजनीश कुमार और अमेजन के उपाध्यक्ष गोपाल पिल्लई ने किया।
बैठक के विचार विमर्श पर टिप्पणी करते हुए श्री खंडेलवाल ने कहा कि हमने अमेज़ॅन और फ्लिपकार्ट दोनों द्वारा सरकार की एफडीआई नीति की विशिष्टता और उसके उल्लंघन , पोर्टल पर बेचे जाने वाले माल को नियंत्रित करने, लागत से भी कम मूल्य पर माल बेचने , गहरी छूट आदि से सम्बन्धित विभिन्न सबूत रखे। उन्होंने कहा कि दोनों पोर्टलों ने सभी आरोपों का खंडन किया और कहा कि वे पूरी तरह एफडीआई नीति का पालन करते हैं। गहरी छूट पर दोनों पोर्टल्स ने दृढ़ता से कहा कि वे छूट नहीं दे रहे हैं और यह ब्रांड हैं जो छूट प्रदान करते हैं।दोनों कंपनियों के इस टरकाईं प्रकार के उत्तर को कैट ने एक सिरे से ख़ारिज किया
आज की बैठक के निराशाजनक परिणाम को देखते हुए श्री खंडेलवाल ने कहा की कैट पूरे मामले को एक बार फिर श्री पीयूष गोयल के पास रखेगा और अमेज़ॅन और फ्लिपकार्ट दोनों के बिज़्नेस मॉडल की जाँच की माँग करेगा ।उन्होंने आगे कहा कि चूंकि अमेज़ॅन और फ्लिपकार्ट दोनों ने ब्रांड्स डिस्काउंट देने की ज़िम्मेदारी डाल दी है इसलिए कैट जल्द ही सभी ब्रांड्स को पत्र लिखेगा और उन्हें अमेज़ॅन और फ्लिपकार्ट के दावों पर अपनी स्थिति स्पष्ट करने के लिए कहेगा। जरूरत पड़ने पर कैट ब्रांडों को उनकी स्थिति स्पष्ट करने के लिए प्रतिस्पर्धा आयोग ऑफ इंडिया या कोर्ट से संपर्क करने में संकोच नहीं करेगा। जो भी गहरी छूट दे रहा है वो किसी न किसी कानून या नीति की धज्जियां उड़ा रहा है और जिसके लिए कैट उनके ख़िलाफ़ कार्रवाई की माँग करेगा । इस बीच, कैट जल्द ही दिल्ली में एक सम्मेलन आयोजित करेगा और सभी ब्रांडों को अपना रुख बताने के लिए आमंत्रित करेगा। यह एक महत्वपूर्ण मुद्दा है कि कौन छूट दे रहा है, इसे स्पष्ट किया जाना चाहिए और यदि ब्रांड इतनी बड़ी छूट दे रहे हैं, तो ऑफ़लाइन व्यापारी उन ब्रांडों का बहिष्कार करेंगे और देश भर में उनके उत्पाद को नहीं बेचेंगे।
श्री खंडेलवाल ने आगे कहा कि कैट ऑफ़लाइन व्यापारियों के व्यापार की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध है और जरूरत पड़ने पर इन दोनों पोर्टलों के खिलाफ कार्रवाई के लिए देशव्यापी आंदोलन शुरू कर सकता है। उनके लागत से भी कम मूल्य पर माल बेचने और भारी डिस्काउंट के कारण देश में लगभग 30,000 से अधिक मोबाइल दुकानें बंद हो गई हैं और ऑफ़लाइन बाजार के लगभग 30 प्रतिशत कारोबार का नुकसान हुआ है।