अविनाश भगत: घाटी में सेब की खरीद फरोख्त आजकल सिर-धड़ की बाजी लगाने से कम नहीं है। जिस प्रकार गत कुछ दिनों में आतंकियों के कारोबारियों पर हमले हुए हैं। उससे सेब उत्पादक तथा खरीददार व्यापारी दोनों डरे जरूर हैं लेकिन हौसले अभी भी बुलंद हैं। इन आतंकी घटनाओं ने राज्य पुलिस तथा सुरक्षाबलों के सामने चुनौतियां खडी़ कर दी है।

अलग अलग हमलों में 4 लोगों की मौत
गौरतलब है कि गत तीन दिनों में आतंकियों ने अलग अलग हमलों में 4 लोगों को मार डाला, लेकिन इनमें तीन व्यक्ति बाहरी राज्य राजस्थान व पंजाब से दक्षिण कश्मीर के शोपियां में किसानों के बगीचों सेब की खरीदारी कर रहे थे। चैथा व्यक्ति इसी दक्षिण कश्मीर के पुलवामा में ईंट भटठा पर मजदूर था। वह भी प्रवासी यानि की छतीसगढ़ का रहने वाला था। यह आतंकी हमले हिजबुल मुजाहिदीन तथा जैश-ए-मोहम्मद के आतंकियो ने किए हैं।

दोनों जिले आतंकवाद के गढ़
बता दें कि, इस बार सेब की बम्पर फसल हुई। इनमें घाटी के उत्तरी कश्मीर के सोपोर तथा दक्षिण कश्मीर के शोपियां के सेबों को उतम दर्जे का रसीला एवं मीठा सेब माना जाता है। यह विडंबना ही है कि यह दोनों जिले आतंकवाद का गढ़ माने जाते हैं। परंतु शोपियां के लिए जम्मू श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग के अलावा पंुछ का मुगलरोड़ भी रास्ता है। बताया गया है कि शोपियां में सेब लदान के लिए जाने वाले बाहरी राज्यों के ट्रक भारी तादाद में मुगलरोड़ पर भी खडे़ हैं। इनमें सवार हर किसी के दिलो दिमाग पर आतंकी हमलों का खौफ दिखाई देता है। लेकिन सेब कारोबार के लिए वह अपनी जान हथेली पर लगाने को तैयार है।

ट्रक चालकों को निशाना बनाने की कोशिश
प्रशासनिक सूत्रों का कहना है कि फसल के इस मौसम में गत कुछ दिन में करीब 10 हजार सेब से भरे घाटी से ट्रक सुरक्षित निकाले जा चुके हैं। बता दें कि तमाम कड़ी चैकसी व सुरक्षा के बावजूद आतंकी अथवा उनके ओजीडब्लयू सेब के बगीचों में मौजूद ट्रक चालक अथवा फल कारोबारी को निशाना बनाने की कोशिश करते हैं।

ट्रकों के काफिलों को कडी़ सुरक्षा के बीच किया जायेगा रवाना
घाटी में घट रही उक्त आतंकी घटनाओं ने जहां पुलिस तथा सुरक्षाबलों की चुनौतियां बढ़ा दी हैं, वहीं राज्य पुलिस महानिदेशक दिलबाग सिंह ने फिर फल व्यापारियों तथा सेब उत्पादकों को भरोसा दिलाने की कोशिश की है कि उनकी जानमाल की हर कीमत पर सुरक्षा की जाऐगी। पुलिस ने यह भी सलाह दी है कि बड़े ट्रक सेब के बगीचों तक न जाएं, वह मुख्य सड़क पर खडे रहें। उन ट्रकों में बगीचों से सेब छोटे ट्रकों अथवा अन्य छोटे वाहनों के जरिए पहंुचाएं जाएं। चूंकि सेब के बगीचे अधिकतर मुख्य सड़क से काफी भीतर जाकर स्थित हैं। यह भी कहा गया है कि सेब से भरे ट्रकों के काफिलों को अत्यधिक कड़ी सुरक्षा के बीच रवाना किया जाऐगा।

 

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