रक्षा क्षेत्र में ‘मेक इन इंडिया’ को बढ़ावा देने के लिए मोदी सरकार 2.0 ने 3,300 करोड़ रुपये के स्वदेशी प्रतिरक्षा साजो-सामान को खरीदने की स्वीकृति दे दी है। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के नेतृत्व वाले रक्षा खरीद परिषद (DAC) ने इसे स्वीकृति दी है। इस‍ काउंसिल की मीटिंग सोमवार को हुई थी। रक्षा मंत्रालय द्वारा जारी बयान के मुताबिक, भारतीय उद्योगों द्वारा स्वदेशी स्तर पर विकसित, डिजाइन और तैयार किए जा रहे तीन प्रोजेक्ट को स्वीकृति दी गई है।

तीन प्रोजेक्ट को मिली स्वीकृति
सरकार द्वारा जिन तीन प्रोजेक्ट को स्वीकृति दी गई है, उनमें तीसरी पीढ़ी के 2 एंटी-टैंक गाइडेड मिसाइल (ATGM) और टी-72 तथा टी-90 टैंकों के लिए ऑक्सिलरी पावर यूनिट (APU) शामिल हैं। तीसरी पीढ़ी के एंटी-टैंक गाइडेड मिसाइल सेना को सशस्त्र युद्ध के दौरान ‘दागो और भूल जाओ’ और ‘टॉप अटैक’ जैसी क्षमताएं प्रदान करेंगे। APU के तहत फायर कट्रोल सिस्टम और नाइट फाइटिंग कैपेबिलिटीज जैसे कई अपग्रेड शामिल होंगे।

दोनों प्रोजेक्ट मेक-2 कैटेगरी के तहत आगे बढ़ेंगे…
रक्षा मंत्रालय ने अपने बयान में कहा है कि, दोनों प्रोजेक्ट मेक-2 कैटेगरी के तहत आगे बढ़ेंगे और इनसे प्राइवेट क्षेत्र में स्वदेशी अनुसंधान एवं विकास को बढ़ावा मिलेगा। बता दें कि भारत को हजारों करोड़ रुपये के रक्षा साजो-सामान आयातित करने पड़ते हैं, जो बेहद महंगे होते हैं। इसलिए सरकार स्वदेशी स्तर पर अहम सैन्य साजो-सामान के मैन्युफैक्चरिंग को बढ़ावा देने का प्रयास कर रही है।

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