सिख धर्म के संस्थापक गुरुनानक देव की 550वीं जयंती में शामिल होने के लिए 1,100 भारतीय सिखों का पहला जत्था पाकिस्तान के लाहौर पहुंच गया है। गुरुवार को लाहौर पहुंचे ये सिख श्रद्धालु 9 नवंबर को करतारपुर कॉरिडोर के उद्घाटन समारोह में भी हिस्सा लेंगे। इवैक्यूई ट्रस्ट प्रॉपर्टी बोर्ड (ETPB) के प्रवक्ता आमिर हाशमी ने इस सम्बन्ध में जानकारी दी है।

1,100 सिखों का पहला जत्था लाहौर पहुंचा
आमिर हाशमी ने बताया है कि गुरु नानक की 550वीं जयंती समारोह में शरीक होने के लिए 1,100 सिखों का पहला जत्था गुरुवार को लाहौर पहुंच गया है। सिखों का यह जत्था वाघा बॉर्डर के रास्ते लाहौर पहुंचा है। हाशमी ने बताया कि ये सिख अपने साथ गोल्डन पालकी भी लेकर आए हैं। वाघा बॉर्डर में नगर कीर्तन (सिखों के जत्था) का स्वागत पंजाब के राज्यपाल चौधरी सरवर, ईटीपीबी के चेयरमैन आमेर अहमद और पाकिस्तान गुरुद्वारा सिख प्रबंधक कमेटी के अध्यक्ष सरदार सतवंत ने किया।

फेडरल बोर्ड ऑफ रेवेन्यू से मांगी अनुमति
ईटीपीबी ने बताया कि गोल्डन पालकी को टैक्स के दायरे से बाहर रखने के लिए फेडरल बोर्ड ऑफ रेवेन्यू से अनुमति मांगी गई है। साथ ही सिख श्रद्धालुओं के खाने-पीने, मेडिकल और ट्रांसपोर्टेशन के लिए विशेष बंदोबस्त किए गए हैं। वहीं, गुरुवार को भारत और पाकिस्तान ने करतारपुर गलियारे के लिए परिचालन संबंधी तौर-तरीकों के समझौते पर हस्ताक्षर किए। हालांकि पाकिस्तान द्वारा लगाए गए 20 डॉलर के सेवा शुल्क का मसला अब तक नहीं सुलझा है।

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