अविनाश भगत : संघ शासित प्रदेश के रूप में जम्मू कश्मीर का पहला नागरिक सचिवालय सोमवार 4 नवम्बर को खुलने जा रहा है। जिसे लेकर तमाम प्रशासनिक तथा सुरक्षा संबंधी तैयारियां पूरी हो चुकी हैं। बल्कि इस बार नागरिक सचिवालय के आसपास किलेबंदी जैसी सुरक्षा की गई है। नागरिक सचिवालय के आसपास की इमारतों पर भी सुरक्षाकर्मियों को तैनात किया गया है।
छह-छह माह के लिए दो जगह नागरिक सचिवालय
बता दें कि, जम्मू-कश्मीर एक ऐसा राज्य रहा है, जहां साल में छह-छह माह के लिए दो जगह नागरिक सचिवालय काम करते हैं। जिन्हें शीतकालीन राजधानी जम्मू तथा ग्रीष्मकालीन राजधानी श्रीनगर के तौर पर जाना जाता है। इन दोनों राजधानियों के लिए क्रमशः छह-छह माह नागरिक सचिवालय के कामकाज को लेकर दरबार-मूव की परंपरा करीब 147 साल पहले तत्कालीन डोगरा शासक महाराजा रणबीर सिंह के कार्यकाल में शुरू हुई। हालांकि इस दरबार-मूव पर होने वाले खर्चे को लेकर कई बार सवाल उठ चुके हैं। लेकिन परंपरा आज भी बदस्तूर जारी है।
दरबार-मूव की कवायद
गौरतलब है कि श्रीनगर स्थित नागरिक सचिवालय गत 25 अक्टूबर को बंद कर दिया गया और फिर जम्मू के लिए दरबार-मूव की कवायद की गई। बताया गया है कि नागरिक सचिवालय से जुड़े 5500 अफसर व कर्मचारी दरबार-मूव से जुड़े हैं। अब चूंकि जम्मू कश्मीर एक राज्य की बजाय संघ शासित प्रदेश बन चुका है और इसके पहले उपराज्यपाल के तौर पर गिरीश चंद्र मुर्मू ने गत 31 अक्टूबर को श्रीनगर में शपथ ग्रहण की थी, अब वह तथा उनके सलाहकार, विभिन्न विभागों के सचिव तथा पुलिस मुख्यालय समेत अन्य अहम विभाग अब छह माह के लिए जम्मू में खुलेंगें।
इन कारणों से बौखलाया पाकिस्तान
सूत्रों का कहना है कि यहां से धारा 370 व अनुच्छेद 35ए को खत्म किए जाने के साथ साथ सूबे को लददाख तथा जम्मू कश्मीर संघ शासित प्रदेश बनाए जाने के कारण पाकिस्तान बौखलाया हुआ है। जिसके कारण इस प्रकार के लगातार खुफिया इनुपटस मिल रहे हैं कि पाक-परस्त आतंकी जम्मू कश्मीर समेत देश के अन्य हिस्सों में हिंसा अथवा गड़बडियां कर सकते हैं। केंद्र शासित प्रदेश जम्मू कश्मीर बनने के बाद नई व्यवस्था के तहत उपराज्यपाल के नेतृत्व में पहली बार जम्मू में नागरिक सचिवालय काम करेगा। इसलिए इस बार विशेषकर नागरिक सचिवालय के आसपास सुरक्षा के बेहद कड़े इंतजाम किए गए हैं।