ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) के अध्यक्ष और हैदराबाद से सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने आपराधिक न्याय प्रणाली पर सवाल खड़े किए हैं। उन्होंने कहा कि टेरर केस में मुस्लिमों के साथ पक्षपात किया जा रहा है। रामपुर में CRPF कैंप पर आतंकी हमले के आरोपी गुलाम खान और कौसर खान के बरी होने के बाद ओवैसी ने ट्वीट करते हुए लिखा कि, टेरर केस में मुस्लिमों को जेल भेज दिया जाता है और वर्षों बाद केवल रिहाई हाथ लगती है। हम आपराधिक न्याय प्रणाली में प्रणालीगत पक्षपात का अनुभव करते हैं।

रामपुर आतंकी हमले का वास्तविक गुनहगार कौन?
AIMIM प्रमुख ओवैसी ने अपने ट्वीट में लिखा कि, यहां केवल गुलाब खान के साथ ही दोहरा अन्याय नहीं हुआ, बल्कि रामपुर हमले के पीड़ितों के साथ भी हुआ है। ओवैसी ने यह भी पुछा कि आखिर रामपुर आतंकी हमले का वास्तविक गुनहगार कौन हैं? गुलाब खान और उनके परिवार ने 12 वर्षों तक अपमान झेला, उसके लिए क्या गुलाब खान को मुआवजा दिया जाएगा?

आतंकी हमले से मेरा कोई वास्ता नहीं : गुलाब खान
रामपुर की अदालत द्वारा बरी किए जाने के बाद गुलाब खान जब घर वापस पहुंचे, तो उनका स्वागत किया गया। इस दौरान गुलाब खान ने कहा कि, मुझको अल्लाह ने नई जिंदगी दी है। उन्होंने कहा कि, ‘आतंकी हमले से मेरा कोई वास्ता नहीं था, किन्तु फिर भी मुझको आरोपी बनाया गया। जब इस केस में मुझको गिरफ्तार किया गया, तो मुझको लगा था कि मेरी जिंदगी और मेरा परिवार बर्बाद हो गया। कई बार ऐसा लगा कि दिल का दौरा पड़ जाएगा और मौत हो जाएगी।

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