देश की अधिकतर आबादी खेती पर ही आधारित है, ऐसे में किसानों के सामने आने वाली चुनौतियों से किस तरह से निपटा जाए। इस बात पर हरियाणा के हिसार स्थित चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय (HAU) में महामंथन चल रहा है। दरअसल, यूनिवर्सिटी में न्यू मिलेनिया एग्रीकल्चर नॉवल ट्रेंडस एंड फयूचर सिनेरियो विषय पर 3 दिवसीय गोल्डन जुबली इंटरनेशनल कॉन्फ्रेंस का आयोजन किया गया है।

100 विदेशी प्रतिनिधियों ने करवाया पंजीकरण
इस कॉन्फ्रेंस में 20 देशों के तक़रीबन 100 विदेशी प्रतिनिधियों ने पंजीकरण करवाया जो कि सम्मेलन में अपने शोध पत्र भी पेश करेंगे। कांफ्रेंस का आज दूसरा दिन है। सम्मेलन की शुरुआत करने के लिए यूएसए के मेसाच्यूसेट विश्वविद्यालय के डॉ. बाओशेन जि़ंग मुख्यातिथि के रूप में पहुंचे हैं। HAU के वीसी प्रो. केपी सिंह ने बताया है कि हरियाणा राज्य का क्षेत्रफल देश के कुल क्षेत्रफल का 1.34 फीसद है, जबकि देश के खाद्यान भंडार में हरियाणा का 17 फीसद योगदान है।

किसानों की समस्याओं का निराकरण
इतने बड़े योगदान का क्रेडिट उन्होंने हरियाणा राज्य के मेहनती किसानों व कृषि वैज्ञानिकों को दिया है। उन्होंने कहा है कि कृषि क्षेत्र में आ रही चुनौतियों को ध्यान में रखते हुए कृषि शिक्षा व कृषि शोध में उपयुक्त परिवर्तन करने होंगे ताकि किसानों के सामने आ रही समस्याओं का निराकरण किया जा सके और स्थानीय स्तर पर आ रही चुनौतियों से अंतर्राष्ट्रीय दृष्टिकोण के हिसाब से निपटा जा सके।

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